- "भवन निर्माण में शेषनाग का विचार अवश्य करें ?"
--एन्द्रियाम सिरों भाद्रपदः त्रिमासे। याम्याम शिरो मार्ग शिरस्त्रयम च । फाल्गुनी मासाद दिशि पश्चिमीयाम।ज्येष्ठात त्रिमासे च तिथोत्तरेशु ।।
-----{1 }भाव -भाद्रपद ,आश्विन ,एवं कार्तिक {सितम्बर ,ओक्ट्बर ,नवम्बर }इन तीन महीनों में शेषनाग का सिर पूर्व दिशा में रहता है ।
---{2 }-मार्गशीर्ष ,पौष ,एवं माघ {दिसंबर ,जनवरी ,फरवरी }इन तीन मासों में शेषनाग का सिर दक्षिण दिशा में रहता है ।।
---{3 }-फाल्गुन ,चैत्र ,वैशाख { मार्च ,अप्रैल ,मई }-इन तीनों मासों में शेषनाग का सर पश्चिम दिशा में रहता है ।
----{4 }-ज्येष्ठ ,आषाढ़ ,एवं श्रावण{जून ,जुलाई ,अगस्त }इन तीनों मासों में शेषनाग का सिर" उत्तर दिशा में रहता है ।।
--- "शिरः खनेत मात्री पितरोश्चा हन्ता खनेत पृष्ठं भयरोग पीड़ा । तुछ्यम खनेत त्रिशु गोत्र हानिः स्त्री पुत्र लाभों वाम कुक्षो ।
---अर्थात -जो कोई शेषनाग के सिर [मुख } पर से मकान की नीव रखकर चिनाई शुरू कर दे -तो उस मकान मालिक के माता पिता को हानी पहुँचती है । पीठ पर चिनाई करने से भय एवं रोग से पीड़ित रहते हैं भूमिपत्ति।पूंछ पर चिनाई करने से वंशावली दोष से पीड़ित हो जाते हैं मकान के स्वामी ।और खली जगह पर चिनाई करने से पत्नी को कष्ट होता है ,एवं पुत्र ,धन की भी हानी होती है ।।
अतः ----जब सूर्यदेव-सिंह ,कन्या,तुला राशि में हों तो--अग्नि दिशा में खोदें एवं चिनाई शुरू करें ।
------जब सूर्य देव -वृश्चिक ,धनु ,या मकर राशि में हों तो -ईशान कोण में चिनाई शुरू करनी चाहिए ।
-------जब सूर्यदेव -कुम्भ ,मीन या मेष राशि में हों तो वायव्य कोण में चिनाई शुरू करनी चाहिए ।
----जब सूर्य देव -वृष ,मिथुन या कर्क राशि में हों तो चिनाई नर्रितय कोण से शुरू करें ।
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पंडित - कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश } ज्योतिष एवं कर्मकांड कार्यालय संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616
आपका ---ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक झा शास्त्री मेरठ उत्तर पदेश {भारत }-----निःशुल्क ज्योतिष जानकारी केवल फेसबुक पर मित्रता से ही रात्रि 7 से 9 में एकबार फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं --साथ ही विदेशों में रहने वाले हिन्दी भाषी स्काइप पर एकबार निःशुल्क मित्रता से प्राप्त कर सकते हैं समय -शाम 7 से 9 के बीच किन्तु दोस्ती पहले फेसबुक पर करनी होगी --अधिक जानकारी हेतु इस लिंक पर पढ़ें - --www.facebook.com/pamditjha ----सहायता सूत्र -09897701636 +093588885616
गुरुवार, 28 नवंबर 2013
"भवन निर्माण में शेषनाग का विचार अवश्य करें ?{"झा शास्त्री}
बुधवार, 27 नवंबर 2013
"भवन लेने से पहले ये पढ़ें ?"-{झा शास्त्री -मेरठ }
"भवन लेने से पहले ये पढ़ें ?"-{झा शास्त्री -मेरठ }
निवास की कामना सबको होती है । कुन्तु निवास की कोंनसी दिशा हो ,एवं कहाँ लें, यह सभी सोचते जरुर हैं । -निवास के स्थान को {वास्तु }शास्त्रों में कहा गया है ।--स्थान बलबती राजन ? अर्थात स्थान मजबूत हो तो स्थान पर रहने वाले बहुत ही मजबूत हो जाते हैं ।
आइये हम आपको भवन या जगह लेने में कुछ सुझाव देते हैं---?
{1}-मेष -राशि वालों को -नगर अथवा भूखंड के उत्तर भाग की पहली जगह या मकान नहीं लेने चाहिए ।
{2 }-वृष-मिथुन सिंह और मकर राशिवालों को नगर या भूखंड के मध्य भाग की जगह या मकान अत्यधिक रास नहीं आते हैं।।
{3 }-वृष एवं मिथुन राशि के लोग -भूखंड के मध्य भाग में न वसें ।
{4 }-वृश्चिक राशि के लोग -भूखंड के पूर्व भाग में न वसें ।
{5 }-मीन राशि के लोग -भूखंड के अग्निकोण में निवास न लें ।
{6}-कन्या राशि के लोग भूखंड के दक्षिण भाग में न वसें ।
{7 }-कर्क राशि के लोग भूखंड के नैरित्य कोण अर्थात दक्षिण एवं पश्चिम के कोण में निवास न लें ।
{8 }-धनु राशि के लोग भूखंड के पश्चिम भाग में निवास न करें ।
{9 }-तुला राशि के लोग भूखंड के वायव्य कोण अर्थात उत्तर एवं पश्चिम के कोण में निवास स्थान न लें ।
{10 }-मेष राशि के लोग भूखंड के उत्तर भाग में निवास स्थान न लें ।
{11 }-कुम्भ राशि के लोग ईशान कोण में अर्थात उत्तर और पूर्व के भाग में निवास न लें ।
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निवास की कामना सबको होती है । कुन्तु निवास की कोंनसी दिशा हो ,एवं कहाँ लें, यह सभी सोचते जरुर हैं । -निवास के स्थान को {वास्तु }शास्त्रों में कहा गया है ।--स्थान बलबती राजन ? अर्थात स्थान मजबूत हो तो स्थान पर रहने वाले बहुत ही मजबूत हो जाते हैं ।
आइये हम आपको भवन या जगह लेने में कुछ सुझाव देते हैं---?
{1}-मेष -राशि वालों को -नगर अथवा भूखंड के उत्तर भाग की पहली जगह या मकान नहीं लेने चाहिए ।
{2 }-वृष-मिथुन सिंह और मकर राशिवालों को नगर या भूखंड के मध्य भाग की जगह या मकान अत्यधिक रास नहीं आते हैं।।
{3 }-वृष एवं मिथुन राशि के लोग -भूखंड के मध्य भाग में न वसें ।
{4 }-वृश्चिक राशि के लोग -भूखंड के पूर्व भाग में न वसें ।
{5 }-मीन राशि के लोग -भूखंड के अग्निकोण में निवास न लें ।
{6}-कन्या राशि के लोग भूखंड के दक्षिण भाग में न वसें ।
{7 }-कर्क राशि के लोग भूखंड के नैरित्य कोण अर्थात दक्षिण एवं पश्चिम के कोण में निवास न लें ।
{8 }-धनु राशि के लोग भूखंड के पश्चिम भाग में निवास न करें ।
{9 }-तुला राशि के लोग भूखंड के वायव्य कोण अर्थात उत्तर एवं पश्चिम के कोण में निवास स्थान न लें ।
{10 }-मेष राशि के लोग भूखंड के उत्तर भाग में निवास स्थान न लें ।
{11 }-कुम्भ राशि के लोग ईशान कोण में अर्थात उत्तर और पूर्व के भाग में निवास न लें ।
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Today's Thought:By-jha shastri-Meerut-India
- Today's Thought:-Successful people dont relax in chairs.-They relax in work.-They sleep with a DREAMAnd wake up with a commitment.Good Morning.
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मंगलवार, 26 नवंबर 2013
"सार्थक या निरर्थक?महाकवि "की यह रचना "{?" झा शास्त्री }
"सार्थक या निरर्थक?महाकवि "की यह रचना "{?" झा शास्त्री }
भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिये तमाम वस्तु उपलब्ध होने के बाद भी होशियार पाचक न हो तो स्वादिष्ट भोजन का आनंद नहीं मिल पाता है -ठीक इसी प्रकार से मानव होने के वाद भी मानवता को हम नहीं समझ पाते हैं | आवागमन का जो मेला है उसमे हमलोग आते हैं ,और यूँ ही चले भी जाते हैं ,बाल्यकाल का तो पत्ता ही नहीं चल पाता है ,तरुण अवस्था तो मदोन्मत्त होने के कारण हम किसी की सुनते ही नहीं हैं ,जब प्रौढ़ होते हैं ,तो समय साथ नहीं देता है -जब हम पीछे मुर कर देखते हैं,तो समझ में ही नहीं आता कि इतना समय बीत गया ,और हमें पत्ता ही नहीं चला ? जी हाँ मित्र प्रवर -एक भौरा किसी पुष्प का पराग चूस रहा था ,उसको पत्ता ही नहीं चला कि जब शाम होती है तो जो कमल के पुष्प होते हैं, वो सिकुर भी जाते हैं | और हम चाहकर भी नहीं निकल पायेंगें ,संयोग से -शाम हुई ,और "भौरा "कमल रूपी पुष्प में सिकुर गया तो -सोचने लगा -"रात्रिर गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातम =रात बीतेगी और सुन्दर सुवह होगी |"भास्वान उदिश्यती हसिस्यती पंक्जस्य =भगवान् सूर्य निकलेंगें और यह कमल के पुष्प खिलेंगें ,अर्थात जब सूर्यास्त होता है तो कमल के पुष्प सिकुर जाते हैं और जब सूर्योदय होता है तो कमल के पुष्प खिलने लगते हैं [यही विशेषता कमल की है]"इत्थं बिचिन्त्य मति द्विरेफः="भौरा अपने मन में यही बिचार कर ही रहा था,कि क्या हुआ ,"हा हंत हंत गजनी ....इतनी ही देर में कोई हाथी आया और उस कमल के पुष्प को रोंद कर चला गया || महा कवि के महा ग्रन्थ की इतनी बड़ी विशेषता होने के वाद भी आपको यत्न सम्मान नहीं मिला ||मित्र बंधुओं -यह महा "कविजीने "यह समझाने की कोशिश कि है.कि हमें काल रूपी जो पाश है उससे हम किस प्रकारसे सजग हो सकते हैं||
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भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिये तमाम वस्तु उपलब्ध होने के बाद भी होशियार पाचक न हो तो स्वादिष्ट भोजन का आनंद नहीं मिल पाता है -ठीक इसी प्रकार से मानव होने के वाद भी मानवता को हम नहीं समझ पाते हैं | आवागमन का जो मेला है उसमे हमलोग आते हैं ,और यूँ ही चले भी जाते हैं ,बाल्यकाल का तो पत्ता ही नहीं चल पाता है ,तरुण अवस्था तो मदोन्मत्त होने के कारण हम किसी की सुनते ही नहीं हैं ,जब प्रौढ़ होते हैं ,तो समय साथ नहीं देता है -जब हम पीछे मुर कर देखते हैं,तो समझ में ही नहीं आता कि इतना समय बीत गया ,और हमें पत्ता ही नहीं चला ? जी हाँ मित्र प्रवर -एक भौरा किसी पुष्प का पराग चूस रहा था ,उसको पत्ता ही नहीं चला कि जब शाम होती है तो जो कमल के पुष्प होते हैं, वो सिकुर भी जाते हैं | और हम चाहकर भी नहीं निकल पायेंगें ,संयोग से -शाम हुई ,और "भौरा "कमल रूपी पुष्प में सिकुर गया तो -सोचने लगा -"रात्रिर गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातम =रात बीतेगी और सुन्दर सुवह होगी |"भास्वान उदिश्यती हसिस्यती पंक्जस्य =भगवान् सूर्य निकलेंगें और यह कमल के पुष्प खिलेंगें ,अर्थात जब सूर्यास्त होता है तो कमल के पुष्प सिकुर जाते हैं और जब सूर्योदय होता है तो कमल के पुष्प खिलने लगते हैं [यही विशेषता कमल की है]"इत्थं बिचिन्त्य मति द्विरेफः="भौरा अपने मन में यही बिचार कर ही रहा था,कि क्या हुआ ,"हा हंत हंत गजनी ....इतनी ही देर में कोई हाथी आया और उस कमल के पुष्प को रोंद कर चला गया || महा कवि के महा ग्रन्थ की इतनी बड़ी विशेषता होने के वाद भी आपको यत्न सम्मान नहीं मिला ||मित्र बंधुओं -यह महा "कविजीने "यह समझाने की कोशिश कि है.कि हमें काल रूपी जो पाश है उससे हम किस प्रकारसे सजग हो सकते हैं||
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सोमवार, 25 नवंबर 2013
"केतुरत्न"लहसुनिया कब ,क्यों और कैसे पहनें "झा शास्त्री "?"
----केतु ग्रह से पीड़ित व्यक्ति ही लहसुनिया रत्न धारण करते हैं । दिन शनिवार शुभ लग्न एवं शुक्ल पक्ष में कुण्डली का सही आकलन करके पहनना चाहिए ।
-----लहसुनिया का महत्व -----लहसुनिया रत्न को आंग्ल{अंग्रेजी } भाषा में-कैट्स आई कहते हैं । बिल्ली की आंख -जैसी चमकवाला सफेद ,नारंगी ,हरा रंग का होता है यह रत्न । जब भी कार्यों में बाधा आती है ,चोट लगती है ,साथ ही दुर्घटना का भय सा प्रतीत होने लगता है ,तथा उन्नति में बाधाऐं आने पर लहसुनिया रत्न सही परामर्ष से धारण करना चाहिए यद् रहे अगर परेशानी का कारन केतु हो तभी यह रत्न धारण करना चाहिए ।
----लहसुनिया रत्न की पहचान आप इस प्रकार से कर सकते हैं -----{1 }-यदि लहसुनिया रत्न को अंधेरे में रखा जाये तो वह बिल्ली की आंखों की तरह चमकता हुया दिखाई देगा । ----{2 }-यदि लहसुनिया रत्न को 24 घंटे तक किसी हड्डी पर रखा जाए तो यह हड्डी के आर पार छेद कर देता है ।
-------नोट --आज के वैज्ञानिक युग में भी हैम आस्थाओं को महत्व देते हैं इसलिए विस्वास रखना बहुत जरुरी है । पर इसका मतलब यह भी नहीं है कि रत्नों को अपने भाग्यावरोध हटाने का यंत्र समझकर कर्म न करें रत्न अलंकार होते हैं कर्म तो सर्वोपरि हटा है ।
आपका ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक झा शास्त्री मेरठ उत्तर पदेश {भारत }निःशुल्क ज्योतिष जानकारी केवल फेसबुक पर मित्रता से ही रात्रि 7 से 9 में एकबार फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं --साथ ही विदेशों में रहने वाले हिन्दी भाषी स्काइप पर एकबार निःशुल्क मित्रता से प्राप्त कर सकते हैं समय -शाम 7 से 9 के बीच किन्तु दोस्ती पहले फेसबुक पर करनी होगी --अधिक जानकारी हेतु इस लिंक पर पढ़ें - --www.facebook.com/pamditjha ----सहायता सूत्र -09897701636 +093588885616
-----लहसुनिया का महत्व -----लहसुनिया रत्न को आंग्ल{अंग्रेजी } भाषा में-कैट्स आई कहते हैं । बिल्ली की आंख -जैसी चमकवाला सफेद ,नारंगी ,हरा रंग का होता है यह रत्न । जब भी कार्यों में बाधा आती है ,चोट लगती है ,साथ ही दुर्घटना का भय सा प्रतीत होने लगता है ,तथा उन्नति में बाधाऐं आने पर लहसुनिया रत्न सही परामर्ष से धारण करना चाहिए यद् रहे अगर परेशानी का कारन केतु हो तभी यह रत्न धारण करना चाहिए ।
----लहसुनिया रत्न की पहचान आप इस प्रकार से कर सकते हैं -----{1 }-यदि लहसुनिया रत्न को अंधेरे में रखा जाये तो वह बिल्ली की आंखों की तरह चमकता हुया दिखाई देगा । ----{2 }-यदि लहसुनिया रत्न को 24 घंटे तक किसी हड्डी पर रखा जाए तो यह हड्डी के आर पार छेद कर देता है ।
-------नोट --आज के वैज्ञानिक युग में भी हैम आस्थाओं को महत्व देते हैं इसलिए विस्वास रखना बहुत जरुरी है । पर इसका मतलब यह भी नहीं है कि रत्नों को अपने भाग्यावरोध हटाने का यंत्र समझकर कर्म न करें रत्न अलंकार होते हैं कर्म तो सर्वोपरि हटा है ।
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रविवार, 24 नवंबर 2013
Have a thought day-jha shastri{Meerut-India}
- -Thought-A goog frieng is a computer .He enters your life
.Save u in his heart Formats your problems ,And never deletes you ,From
his memory.
Wlcome all friends available astro -night 7pmto9pm only--once free-only-call me----09897701636+09358885616--By-jha shastri
आपका ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत --सहायता सूत्र -09897701636 +09358885616 स्काइप = jyotish.seva.sadan-------फेसबुक ---www.facebook.com/pamditjha
"गोमेद रत्न क्यों ,कब और कैसे पहनें -झा शास्त्री {मेरठ }
"गोमेद रत्न क्यों ,कब और कैसे पहनें -झा शास्त्री {मेरठ }
---राहु ग्रह को खुश करने के लिए या फिर राहु ग्रह की बुरी दृष्टि से बचने के लिए गोमेद अंग्रेजी में जिरकॉर्न
कहते हैं को पहनने ते हैं ।
------गोमेद रत्न ---- लाल धुएं के रंग का होता है । लाल, काला या पीला रंग युक्त गोमेद उत्तम माना जाता है । यह राहु के दोषों को दूर करने के लिए पहनना चाहिए । रोजगार में विशेष व्यवधान होने पर ,धन स्थिर नहीं रहता हो ,मन अशांत रहता हो ,घर में मन नहीं लगता हो तब सही कुण्डली का आकलन करके धारण करना चाहिए -गोमेद रत्न ।
-------गोमेद रत्न को आप खुद परख सकते हैं -------{1 }--असली गोमेद रत्न को गोमूत्र में 24 घंटे रखने पर गोमूत्र का रंग बदल जाता है । ={2 }----दूध में असली गोमेद रत्न डालने पर दूध का रंग गोमूत्र की तरह दिखने लगता है ।
--------धारण --बुधवार रात्रि 12 बजे के उपरान्त शुक्ल पक्ष एवं सही लग्न में धारण करना चाहिए ।
------ज्योतिष सेवा निःशुल्क एकबार प्राप्त करें -------अगर विदेशों में रहते हैं तो निःशुल्क ज्योतिष जानकारी एकबार शाम 7 से 9 के बीच स्काइप पर प्राप्त कर सकते हैं किन्तु पहले दोस्ती फेसबुक पर करनी होगी ।
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---राहु ग्रह को खुश करने के लिए या फिर राहु ग्रह की बुरी दृष्टि से बचने के लिए गोमेद अंग्रेजी में जिरकॉर्न
कहते हैं को पहनने ते हैं ।
------गोमेद रत्न ---- लाल धुएं के रंग का होता है । लाल, काला या पीला रंग युक्त गोमेद उत्तम माना जाता है । यह राहु के दोषों को दूर करने के लिए पहनना चाहिए । रोजगार में विशेष व्यवधान होने पर ,धन स्थिर नहीं रहता हो ,मन अशांत रहता हो ,घर में मन नहीं लगता हो तब सही कुण्डली का आकलन करके धारण करना चाहिए -गोमेद रत्न ।
-------गोमेद रत्न को आप खुद परख सकते हैं -------{1 }--असली गोमेद रत्न को गोमूत्र में 24 घंटे रखने पर गोमूत्र का रंग बदल जाता है । ={2 }----दूध में असली गोमेद रत्न डालने पर दूध का रंग गोमूत्र की तरह दिखने लगता है ।
--------धारण --बुधवार रात्रि 12 बजे के उपरान्त शुक्ल पक्ष एवं सही लग्न में धारण करना चाहिए ।
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Have a nice day-{-All friends}
- Life is a journey which u have to travel So love it & have fun Bcoz har pal me pyaar hai ,har lamhe me khusi hai,kho do to yade hain, Ji lo to zindgi hai . --free astro all friends night 7pm-to9 pm -welcome-facebook--only call me-09897701636+09358885616--Meerut-India-By jha shastri--->www.facebook.com/pamditjha —
"क्या माया कैलेण्डर में उल्लिखित पृथ्वी की उम्र {5126 }अर्थात 2012 तक ही थी ?{"झा शास्त्री }
"क्या माया कैलेण्डर में उल्लिखित पृथ्वी की उम्र {5126 }अर्थात 2012 तक ही थी ?{"झा शास्त्री }
--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा |
-----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त विश्व की उत्पत्ति तथा लय का कारण कहा है |
---"सूर्यात भवन्ति भूतानि सूर्येण पलितानी तू |
सूर्ये लयं प्राप्नुवन्ति यः सूर्यः सोहम्मेव च ||
---भाव -सूर्य चन्द्र अन्यान्य ग्रह नक्षत्र काल के करता अकर्ता कहे गए हैं |सूर्य सिद्धांत -१/१० के अनुसार काल दो प्रकार का होता है ---एक अव्यय अनंत रूप रहने वाला महाकाल है ,दूसरा सावयव गणना करने योग्य है | मूर्तरूप काल घटी पल ,विपल ,तिथि ,मास ,संवत्सर ,कल्प कल्पान्तर के रूप में गिना जाता है |
---सृष्टि कर्ता ब्रह्माजी हैं | चार युग {कृत ,त्रेता ,द्वापर और कलयुग} का एक महायुग होता है | जिसकी सौर वर्ष संख्या -४३२०००० होती है | इकहत्तर महायुग का एक मन्वंतर होता है | प्रत्येक कल्प में १४मन्वन्तर और १४ इन्द्र बीत जाते हैं |एक कल्प की सौ वर्ष संख्या -4318272000 कही गयी है |
-------कल्पान्त में ब्रह्मा जी का दिन समाप्त होते ही प्रलय जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है | वर्तमान में सृष्टि की रचना हुए -१९५५८८५१०९ वर्ष बीते हैं |इससे स्पष्ट है कि अभी महा प्रलय होने में -२३६२३८६८९१ इतने वर्ष और लगेंगें |
------ऐसा भी नहीं है कि इतनी लम्बी अवधि में प्राकृत में कोई उत्पात न होता हो |अन्तरिक्ष में जब -जब ग्रह अंशसाम्य होते हैं-अथवा ग्रहयुद्ध के संयोग बनते हैं |तब -तब वसुंधरा पर नाना प्रकार के महोत्पत हुआ करते हैं |प्रकृति साम्यावस्था है |जब -जब इसके संतुलन को प्राणी बिगाड़ते हैं ,तब -तब प्रकृति प्रकुपित होकर बड़ी मात्रा में संहार करती है अथवा किसी को माध्यम बनाकर उसके द्वारा विनाशलीला कराया करती है | धर्म की हनी होती है |क्षमाशीलता घटती जाती है |रजोगुण और तमोगुण अपनी चरम सीमा पर होते हैं | तब भयंकर युद्ध हुआ करते हैं अधर्मी दुराचारियों का विनाश होता है |
-------यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |
अभ्युथान धर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम ||
----नोट -कुदरत के खिलाफ जब -जब क्रूर कारनामे होते हैं ,तब -तब विश्व में उत्पात तो होते ही हैं |भविष्य के गर्त में यथार्थ क्या है ,इसे तो केवल ईस्वर ही जनता है-परन्तु इतना अवश्य है कि विश्व विनाश की ओर नपे तुले क़दमों से बढ़ता चला जा रहा है |
--भवदीय पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री" {मेरठ उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को एकबार ही मिल पायेगी सम्पर्कसूत्र {हेल्प लाइन } के द्वरा रात्रि - 7 से 9 . में | --09897701636 --09358885616 www.facebook.com/pamditjha
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-----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त विश्व की उत्पत्ति तथा लय का कारण कहा है |
---"सूर्यात भवन्ति भूतानि सूर्येण पलितानी तू |
सूर्ये लयं प्राप्नुवन्ति यः सूर्यः सोहम्मेव च ||
---भाव -सूर्य चन्द्र अन्यान्य ग्रह नक्षत्र काल के करता अकर्ता कहे गए हैं |सूर्य सिद्धांत -१/१० के अनुसार काल दो प्रकार का होता है ---एक अव्यय अनंत रूप रहने वाला महाकाल है ,दूसरा सावयव गणना करने योग्य है | मूर्तरूप काल घटी पल ,विपल ,तिथि ,मास ,संवत्सर ,कल्प कल्पान्तर के रूप में गिना जाता है |
---सृष्टि कर्ता ब्रह्माजी हैं | चार युग {कृत ,त्रेता ,द्वापर और कलयुग} का एक महायुग होता है | जिसकी सौर वर्ष संख्या -४३२०००० होती है | इकहत्तर महायुग का एक मन्वंतर होता है | प्रत्येक कल्प में १४मन्वन्तर और १४ इन्द्र बीत जाते हैं |एक कल्प की सौ वर्ष संख्या -4318272000 कही गयी है |
-------कल्पान्त में ब्रह्मा जी का दिन समाप्त होते ही प्रलय जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है | वर्तमान में सृष्टि की रचना हुए -१९५५८८५१०९ वर्ष बीते हैं |इससे स्पष्ट है कि अभी महा प्रलय होने में -२३६२३८६८९१ इतने वर्ष और लगेंगें |
------ऐसा भी नहीं है कि इतनी लम्बी अवधि में प्राकृत में कोई उत्पात न होता हो |अन्तरिक्ष में जब -जब ग्रह अंशसाम्य होते हैं-अथवा ग्रहयुद्ध के संयोग बनते हैं |तब -तब वसुंधरा पर नाना प्रकार के महोत्पत हुआ करते हैं |प्रकृति साम्यावस्था है |जब -जब इसके संतुलन को प्राणी बिगाड़ते हैं ,तब -तब प्रकृति प्रकुपित होकर बड़ी मात्रा में संहार करती है अथवा किसी को माध्यम बनाकर उसके द्वारा विनाशलीला कराया करती है | धर्म की हनी होती है |क्षमाशीलता घटती जाती है |रजोगुण और तमोगुण अपनी चरम सीमा पर होते हैं | तब भयंकर युद्ध हुआ करते हैं अधर्मी दुराचारियों का विनाश होता है |
-------यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |
अभ्युथान धर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम ||
----नोट -कुदरत के खिलाफ जब -जब क्रूर कारनामे होते हैं ,तब -तब विश्व में उत्पात तो होते ही हैं |भविष्य के गर्त में यथार्थ क्या है ,इसे तो केवल ईस्वर ही जनता है-परन्तु इतना अवश्य है कि विश्व विनाश की ओर नपे तुले क़दमों से बढ़ता चला जा रहा है |
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शनिवार, 23 नवंबर 2013
"नीलम रत्न क्यों ,कब और कैसे धारण करें ?"{झा शास्त्री }
"नीलम रत्न क्यों ,कब और कैसे धारण करें ?"{झा शास्त्री }
-------नीलम रत्न को अंग्रेजी में ब्लू सेफाइर कहते हैं । मोर की गर्दन -जैसा हलके रंग का यह नीलम रत्न होता है । यह शनि ग्रह का रत्न है । नीलम रत्न को नीलमणी भी कहते हैं । नीलम रत्न धारण करने के कुछ ही घंटों बाद यह अपना प्रभाव दिखाने लगता है। यदि नीलम रत्न को पहनने के बाद रात में भयावह सपने आयें तो तुरंत इस रत्न को उतार देना चाहिए । अथवा कोई अनिष्ट हो तो भी उतार देना चाहिए । शास्त्रों का मत है इस रत्न के साथ सर्वाधिक दैवीय शक्तियां जुडी मानी जाती हैं । प्रमाण है -यह नीलम रत्न राजा से रंक या रंक से राजा बनाने की भी क्षमता रखता है । यदि किसी के लिए शुभ हो कुंडली के अनुसार तो रातों -रात भाग्य बदल देता है अन्यथा तबाही भी ला देता है ।
--------नीलम की पहचान आप खुद करें ----{1 }-पानी से भरे कांच के गिलास में नीलम डालने पर पानी में नीली किरणें निकलती हुई दिखाई देती है । {2 }-दूध के गिलास में नीलम डालने पर दूध से नीली झाई दिखती है --अगर आपकी कसोटी पर यह बात खड़ी न उतरे तो नीलम नहीं नीली होगी ।
-------नीलम -मकर एवं कुम्भ राशि के उपर अपना प्रभाव रखता है किन्तु --कुण्डली का सही निरिक्षण कर धारण करें ---धारण का समय शुक्ल पक्ष दिन शनिवार शुभ मुहूर्त में ।
आपका ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत निःशुल्क ज्योतिष परामर्श शाम 7 से 9 में एकबार फेसबुक पर मित्रता से अवश्य प्राप्त करें ----सहायता सूत्र -09897701636 +09358885616 ----
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-------नीलम रत्न को अंग्रेजी में ब्लू सेफाइर कहते हैं । मोर की गर्दन -जैसा हलके रंग का यह नीलम रत्न होता है । यह शनि ग्रह का रत्न है । नीलम रत्न को नीलमणी भी कहते हैं । नीलम रत्न धारण करने के कुछ ही घंटों बाद यह अपना प्रभाव दिखाने लगता है। यदि नीलम रत्न को पहनने के बाद रात में भयावह सपने आयें तो तुरंत इस रत्न को उतार देना चाहिए । अथवा कोई अनिष्ट हो तो भी उतार देना चाहिए । शास्त्रों का मत है इस रत्न के साथ सर्वाधिक दैवीय शक्तियां जुडी मानी जाती हैं । प्रमाण है -यह नीलम रत्न राजा से रंक या रंक से राजा बनाने की भी क्षमता रखता है । यदि किसी के लिए शुभ हो कुंडली के अनुसार तो रातों -रात भाग्य बदल देता है अन्यथा तबाही भी ला देता है ।
--------नीलम की पहचान आप खुद करें ----{1 }-पानी से भरे कांच के गिलास में नीलम डालने पर पानी में नीली किरणें निकलती हुई दिखाई देती है । {2 }-दूध के गिलास में नीलम डालने पर दूध से नीली झाई दिखती है --अगर आपकी कसोटी पर यह बात खड़ी न उतरे तो नीलम नहीं नीली होगी ।
-------नीलम -मकर एवं कुम्भ राशि के उपर अपना प्रभाव रखता है किन्तु --कुण्डली का सही निरिक्षण कर धारण करें ---धारण का समय शुक्ल पक्ष दिन शनिवार शुभ मुहूर्त में ।
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- "A Beautiful life does not just heppen it is built daliy in prayers,
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May A Beautiful Life Always Be yours....!!
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शुक्रवार, 22 नवंबर 2013
"हीरा रत्न क्यों कब और कैसे पहनें "{झा शास्त्री }
"हीरा रत्न क्यों कब और कैसे पहनें "{झा शास्त्री }
-----हीरा रत्न को अंग्रेजी भाषा में डायमंड स्टोन कहते हैं । वृष एवं तुला राशि के साथ -साथ कुंडली में शुक्र की स्थिति को देखकर धारण करना चाहिए हीरा का स्वामी शुक्र है ।
-----हीरा का रंग स्वेत ,कठोर जिसे हम नहीं खुरच सकते हैं न ही घिस सकते हैं एवं जिससे लाल -नीली किरणें निकलती हैं ,साथ ही हीरा में काले रंग के बिंदु न हों तो वह हीरा उत्तम दर्जे का होता है ।
-----हीरा रत्न को सभी रत्नों का सरताज माना जाता है । शुक्र समृद्धि और वैभव का प्रतीक कुंडली में माना जाता है । इसलिए हीरा रत्न धारण करने से जातक पर बल ,कामेच्छा और व्यापारियों के कारोबार की वृद्धि होती है । घर में पति -पत्नी की कलह दूर करने के लिए हीरा रत्न धारण करना उचित रहता है ।
------- हीरा रत्न की पहचान आप इस प्रकार से कर सकते हैं --------- {1 }गरम दूध में हीरा डालने पर दूध जल्दी ठंढा हो जाता है । --{2 }-पिघले हुए घी में हीरा डालने पर घी शीघ्र जमने लगता है ---{3 }-धूप में रखे हीरे से सतरंगी किरणें निकलती दिखाई देती है ।
नोट आपकी कसौटी पर हीरा सटीक उतरे तो हीरा होगा अन्यथा जरकिन उपरत्न हो जायेगा ----इसे शुक्रवार को उचित लग्न एवं शुक्ल पक्ष में धारण करना चाहिए ।
आपका ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री मेरठ भारत ----निःशुल्कज्योतिष परामर्श शाम 7 से 9 में मित्रता से एकबार अवश्य प्राप्त करें----सम्पर्कसूत्र द्वारा -09897701636 +09358885616 =--www.facebook.com/
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-----हीरा रत्न को अंग्रेजी भाषा में डायमंड स्टोन कहते हैं । वृष एवं तुला राशि के साथ -साथ कुंडली में शुक्र की स्थिति को देखकर धारण करना चाहिए हीरा का स्वामी शुक्र है ।
-----हीरा का रंग स्वेत ,कठोर जिसे हम नहीं खुरच सकते हैं न ही घिस सकते हैं एवं जिससे लाल -नीली किरणें निकलती हैं ,साथ ही हीरा में काले रंग के बिंदु न हों तो वह हीरा उत्तम दर्जे का होता है ।
-----हीरा रत्न को सभी रत्नों का सरताज माना जाता है । शुक्र समृद्धि और वैभव का प्रतीक कुंडली में माना जाता है । इसलिए हीरा रत्न धारण करने से जातक पर बल ,कामेच्छा और व्यापारियों के कारोबार की वृद्धि होती है । घर में पति -पत्नी की कलह दूर करने के लिए हीरा रत्न धारण करना उचित रहता है ।
------- हीरा रत्न की पहचान आप इस प्रकार से कर सकते हैं --------- {1 }गरम दूध में हीरा डालने पर दूध जल्दी ठंढा हो जाता है । --{2 }-पिघले हुए घी में हीरा डालने पर घी शीघ्र जमने लगता है ---{3 }-धूप में रखे हीरे से सतरंगी किरणें निकलती दिखाई देती है ।
नोट आपकी कसौटी पर हीरा सटीक उतरे तो हीरा होगा अन्यथा जरकिन उपरत्न हो जायेगा ----इसे शुक्रवार को उचित लग्न एवं शुक्ल पक्ष में धारण करना चाहिए ।
आपका ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री मेरठ भारत ----निःशुल्कज्योतिष परामर्श शाम 7 से 9 में मित्रता से एकबार अवश्य प्राप्त करें----सम्पर्कसूत्र द्वारा -09897701636 +09358885616 =--www.facebook.com/
गुरुवार, 21 नवंबर 2013
"पुखराज रत्न क्यों और कैसे पहनें जानिये -झा शास्त्री {मेरठ }
"पुखराज रत्न क्यों और कैसे पहनें जानिये -झा शास्त्री {मेरठ }
मित्र प्रवर ,राम -राम ,नमस्कार ||
हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं"रत्न " इसलिए हमलोग करते भी हैं यत्न | परन्तु रत्न से ही समाधान होगा ऐसा नहीं है ,उत्तम समाधान तो कर्म ही होता है किन्तु जब हम भौतिक जीवन की कामना करते हैं तो हमें भौतिक वस्तु की लालसा ही हमें "रत्न " की प्रेरणा देती है और हम चाहकर भी रत्न से दूर नहीं हो पाते हैं ||
अस्तु -यदि परमात्मा की कृपा है ,धन की प्रचूरता है ,तो फिर अपनी शोभा और ग्रहों के निदान के लिए "रत्न अवश्य ही पहनें ,परन्तु जो पहनें वो सही हो -आइये जानते हैं --
पुखराज {टोपाज } ब्रेहस्पति "रत्न" को --यह पीले रंग का होता है |महिलाओं का यह प्रिय "रत्न "है |उन्हें इसके धारण करने से पति सुख प्राप्त होता है |व्यक्ति को धन संपत्ति ,पुत्र सुख ,स्त्री सुख मिलता है | इसे कोई भी व्यक्ति पहन सकता है | ब्रेहस्पति की महादशा किसी अन्य ग्रह की दशा में ब्रेहस्पति की अन्तर्दशा में यह अधिक फल देता है | अगर गुरु {ब्रेहस्पति } बारहवें स्थान पर हैं तो इसे धारण नहीं करना चाहिए ||
पुखराज की जांच---
[1]-सफेद कपडे पर पुखराज रखकर धुप में देखने पर कपडे पर पीली झाई -सी दिखती है ||
[2]-पुखराज को चौबीस घंटे दूध में रखने पर असली पुखराज की चमक कम नहीं होती है ||
" सूर्य की उपासना सभी को क्यों करनी चाहिए --जानिये "झा शास्त्री {-मेरठ }?"
" सूर्य की उपासना सभी को क्यों करनी चाहिए --जानिये "झा शास्त्री {-मेरठ }?"
चराचर जगत में सभी जीव भगवान "सूर्य नारायण "की उपासना अपने -अपने मतानुसार जरुर करते हैं ,क्योकि यही प्रत्यक्ष देवता हैं ,इनकी ही कृपा से सभी जीव जीवित भी हैं ,कुछ वेद की रिचाओं का जब हम अवलोकन करते हैं तो हमें आभास होता है कि हमारे यह प्रत्यक्ष देवता हमें क्या नहीं दे सकते हैं -ततचक्षुरदेवहितं पुरस्तात -हे भगवान सूर्य ?हम जब तक जीवित रहें हमारी आँखे तबतक संसार की सभी वस्तुओं का अवलोकन करती रहें | छुक्रमुचरत-शरीरिक जो प्रक्रियाएं हैं वो निरंतर चलती रहे | पश्येम शरदः शतं -सौ साल तक हम देखें | शतं जीवेम शरदः शतं -सौ साल तक हम जीवै |शतगुं सृनुयाम शरदः शतं -हम अपने कानों से सौ साल तक सूनें |शतं प्व्रवाम शरदः शतं -सौ साल तक चलें | भाव -हे भगवान सूर्य ? हम अपने शरीर की सारी प्रक्रिया अपने हाथों से करते रहें | मित्र बंधुओं इस स्तुति में जो सबसे अच्छी बात है वो है -शतं दीनाः श्याम शरदः - हे भगवान सूर्य हम सौ साल तक तो जीयें किन्तु पराधीन होकर न जीयें | अतः सभी को इसी प्रकार की स्तुति करनी चाहिए | -
{Avery good thought U cannot hurt some1 who feels nothing special for you .ANDyou cannot be hurt by anyone unless that person is special to you..good day.}प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत ----निःशुल्क परामर्श शाम 7 से 9 में मित्रता से एकबार अवश्य प्राप्त करें----सम्पर्कसूत्र द्वारा -09897701636 +09358885616 =--www.facebook.com/pamditjha
चराचर जगत में सभी जीव भगवान "सूर्य नारायण "की उपासना अपने -अपने मतानुसार जरुर करते हैं ,क्योकि यही प्रत्यक्ष देवता हैं ,इनकी ही कृपा से सभी जीव जीवित भी हैं ,कुछ वेद की रिचाओं का जब हम अवलोकन करते हैं तो हमें आभास होता है कि हमारे यह प्रत्यक्ष देवता हमें क्या नहीं दे सकते हैं -ततचक्षुरदेवहितं पुरस्तात -हे भगवान सूर्य ?हम जब तक जीवित रहें हमारी आँखे तबतक संसार की सभी वस्तुओं का अवलोकन करती रहें | छुक्रमुचरत-शरीरिक जो प्रक्रियाएं हैं वो निरंतर चलती रहे | पश्येम शरदः शतं -सौ साल तक हम देखें | शतं जीवेम शरदः शतं -सौ साल तक हम जीवै |शतगुं सृनुयाम शरदः शतं -हम अपने कानों से सौ साल तक सूनें |शतं प्व्रवाम शरदः शतं -सौ साल तक चलें | भाव -हे भगवान सूर्य ? हम अपने शरीर की सारी प्रक्रिया अपने हाथों से करते रहें | मित्र बंधुओं इस स्तुति में जो सबसे अच्छी बात है वो है -शतं दीनाः श्याम शरदः - हे भगवान सूर्य हम सौ साल तक तो जीयें किन्तु पराधीन होकर न जीयें | अतः सभी को इसी प्रकार की स्तुति करनी चाहिए | -
{Avery good thought U cannot hurt some1 who feels nothing special for you .ANDyou cannot be hurt by anyone unless that person is special to you..good day.}प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत ----निःशुल्क परामर्श शाम 7 से 9 में मित्रता से एकबार अवश्य प्राप्त करें----सम्पर्कसूत्र द्वारा -09897701636 +09358885616 =--www.facebook.com/pamditjha
मंगलवार, 19 नवंबर 2013
"पन्ना" रत्न को धारण करने से पूर्व आप खुद परख सकते हैं ?"
"पन्ना" रत्न को धारण करने से पूर्व आप खुद परख सकते हैं ?"
मित्र प्रवर ,राम -राम ,नमस्कार ||
यूँ तो रत्न ज्योतिष के अलंकार हैं ,ये सभी जानते हैं किन्तु ये रत्न
दिव्य आभूषण की तरह सब के काम आते हैं ,ये अपनी शक्ति कभी भी नहीं खोते
हैं ,इसलिए कभी राजा महराजा उपहार में अपने सेवक को देते थे ,और सेवक इन
उपहारों को कई पीढ़ियों तक आदान प्रदान करते थे | समय बदला सब कुछ बदल गया
किन्तु आज भी रत्नों की गरिमा छोटे से बड़े लोगों तक यथावत है ||
अस्तु -यदि आपकी मिथुन राशि या कन्या राशि है तो आप भी पन्ना
अंग्रेजी में {एमरेल्ड }को धारण कर सकते हैं किन्तु रत्न को लेने से पूर्व
आप अपनी कसोटी पर परख भी सकते हैं |
"पन्ना
=हरे रंग का होता है |हर प्रकार के व्यापारियों ,लेखकों ,अध्यापकों ,कवियों
,कलाकारों के लिए ये लाभदायक माना गया है |वाक्शक्ति बढ़ाने में भी ये
उपयोगी होता है |पन्ना वैसे कोई भी व्यक्ति पहन सकता है ,लेकिन जिसकी
कुंडली में बुध ग्रह कमजोर या दोषयुक्त हो उसके लिए यह बहुत शुभ व् फल दायक
होता है | बुध की महा दशा में भी जातक पहनते हैं ||
"पन्ने की जाँच स प्रकार से करें =
[१]-पन्ने को पानी के गिलास में डालने पर पानी में से हरी किरणें निकलने लगती हैं ||
[२]-टॉर्च के प्रकाश में पन्ने को देखने पर असली पन्ना गुलाबी दीखता है ,परन्तु नकली पन्ना हरा ही दीखता है ||
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत ----निःशुल्क परामर्श शाम 7 से 9
में मित्रता से एकबार अवश्य प्राप्त करें----सम्पर्कसूत्र द्वारा
-09897701636 +09358885616 =--www.facebook.com/pamditjha
सोमवार, 18 नवंबर 2013
मुख्यमंत्री "शीला दीक्षित जी" ज्योतिष विशेष {झा शास्त्री }
मुख्यमंत्री "शीला दीक्षित जी" ज्योतिष विशेष {झा शास्त्री }
----माननीया मुख्यमंत्री -शीला दीक्षित जी का जन्म 31 -मार्च -1938 समय -1. 20 दोपहर स्थान कपूरथला भारत में हुआ तदनुसार उत्तरा भाद्रपद के तृतीय चरण कर्क लग्न एवं मीन राशि है आपकी । 1 /03 /2013 से राहु कि महादशा में राहु का अंतर 12 /11 /2015 तक चलेगा ---जो कुंडली में कालसर्पयोग बना हुआ है । संसार का नियम है सदा कुछ नहीं रहता है जिसका उदय होता है उसका ही अस्त भी होता है वो चाहे हम हो या आप । यदयपि भारत की भी कुंडली में कालसर्प योग है शायद इसलिए तमाम संसाधनों से यक्त होकर भी अपना देश अशांत रहता है बहुत से राजनेता हुए हैं जिनकी कुंडली में कालसर्पयोग था और है किन्तु सत्ता से जुड़े और इस योग के आगमन पर पद से हट गए ---किन्तु आपकी कुंडली शायद पहली महिला की है ---जो कालसर्प योग युक्त होने के बाद भी अपने पद की गरिमा से नाम और यश कमाया है आपकी कुंडली में 1 /03 /1996 से 1 /03 2006 तक चंद्रमा की दशा रही जो लग्नेश सूर्य के साथ भाग्य में था और दशा का पूर्ण लाभ मिला । पुनः -1 /03 2006 से 1 /03 2013 तक मंगल की दशा आई इतना ही नहीं मंगल कर्म बुद्धि +संतान +कर्म का स्वामी के साथ दसवें भाव में अपनी शक्ति प्रदान की जिसका आपने पूर्ण लाभ लिया ------पूरे -15 साल सितारे आपके साथ रहे अब कालसर्पयोग आपको कुछ कुछ पीड़ा पंहुचा सकता है ----आपने सत्य से जिया है और अब असत्य की राह आपके सामने हो सकती है ----राहु का आगमन 1 /03 /2013 से भले ही हुआ है किन्तु समस्या 6 महीना पूर्व ही शुरू हो चुकी थी । आपकी कुंडली से हमने ये सीखा कि सत्य के बल पर जो रहते हैं जीत उनकी ही होती है आपका भले ही परिवर्तन हो किन्तु आप अपनी क्षमता से आगे बढ़ेगी ।
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत ----निःशुल्क परामर्श शाम 7 से 9 में मित्रता से एकबार अवश्य प्राप्त करें----सम्पर्कसूत्र द्वारा -09897701636 +09358885616 =--www.facebook.com/pamditjha
----माननीया मुख्यमंत्री -शीला दीक्षित जी का जन्म 31 -मार्च -1938 समय -1. 20 दोपहर स्थान कपूरथला भारत में हुआ तदनुसार उत्तरा भाद्रपद के तृतीय चरण कर्क लग्न एवं मीन राशि है आपकी । 1 /03 /2013 से राहु कि महादशा में राहु का अंतर 12 /11 /2015 तक चलेगा ---जो कुंडली में कालसर्पयोग बना हुआ है । संसार का नियम है सदा कुछ नहीं रहता है जिसका उदय होता है उसका ही अस्त भी होता है वो चाहे हम हो या आप । यदयपि भारत की भी कुंडली में कालसर्प योग है शायद इसलिए तमाम संसाधनों से यक्त होकर भी अपना देश अशांत रहता है बहुत से राजनेता हुए हैं जिनकी कुंडली में कालसर्पयोग था और है किन्तु सत्ता से जुड़े और इस योग के आगमन पर पद से हट गए ---किन्तु आपकी कुंडली शायद पहली महिला की है ---जो कालसर्प योग युक्त होने के बाद भी अपने पद की गरिमा से नाम और यश कमाया है आपकी कुंडली में 1 /03 /1996 से 1 /03 2006 तक चंद्रमा की दशा रही जो लग्नेश सूर्य के साथ भाग्य में था और दशा का पूर्ण लाभ मिला । पुनः -1 /03 2006 से 1 /03 2013 तक मंगल की दशा आई इतना ही नहीं मंगल कर्म बुद्धि +संतान +कर्म का स्वामी के साथ दसवें भाव में अपनी शक्ति प्रदान की जिसका आपने पूर्ण लाभ लिया ------पूरे -15 साल सितारे आपके साथ रहे अब कालसर्पयोग आपको कुछ कुछ पीड़ा पंहुचा सकता है ----आपने सत्य से जिया है और अब असत्य की राह आपके सामने हो सकती है ----राहु का आगमन 1 /03 /2013 से भले ही हुआ है किन्तु समस्या 6 महीना पूर्व ही शुरू हो चुकी थी । आपकी कुंडली से हमने ये सीखा कि सत्य के बल पर जो रहते हैं जीत उनकी ही होती है आपका भले ही परिवर्तन हो किन्तु आप अपनी क्षमता से आगे बढ़ेगी ।
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रविवार, 17 नवंबर 2013
" मूंगा और मंगल ग्रह+ रत्न को परखें और धारण करें -- "झा शास्त्री "{ मेरठ}?"
" मूंगा और मंगल ग्रह+ रत्न को परखें और धारण करें -- "झा शास्त्री "{ मेरठ}?"
मित्र प्रवर ,राम -राम ,नमस्कार ||
मंगल रत्न मूंगा {अंग्रेजी में -कोरल कहते हैं }ये सिंदूरी लाल रंग का
होता है | मंगल ग्रह को ज्योतिष में सेनापति माना जाता है |यह शक्ति का
प्रतीक है |जो लोग कमजोर हों ,सुस्त हों उन्हें यह धारक करना चाहिए |शत्रु
पर विजय ,कारोबार में उन्नति ,पदोन्नति आदि के लिए भी लोग मूंगा धारण करते
हैं |यदि मंगल कुंडली में नीच का हो तो धारण नहीं करना चाहिए वरना लड़ाई-
झगडे तक करवा देता है "मूंगा "||
मूंगा की पहचान आप स्वयं भी शास्त्र सम्मत कर पहन सकते हैं ?-
[1 ]-मूंगा को दूध में डालने पर दूध में से लाल रंग की झी दिखती है |
[2 ]-तेज धुप में मुंगे को कागज या रूई पर रखें तो वह कागज या रूई जलने लगता है ||
भाव -संसार में सभी अलंकार ये युक्त होते हैं ,ये अलंकार को हटा
दिया जाय तो जीवन की कल्पना या सुन्दरता में कुछ कमी रह जाएगी | ग्रंथों
में भी अलंकार रस का प्रयोग होता है इसके बिना ये काव्य भी नीरस सा प्रतीत
होते हैं |किन्तु ज्योतिष के अलंकार रूपी रत्न -शोभा के साथ -साथ विपरीत
परिस्थिति में सहायक भी होते हैं ये शोभा तो बढ़ाते ही हैं दयनीय अवस्था के
सहायक भी होते हैं -किन्तु यदि सही परखकर न लिया जाय तो रत्न की जगह
उपरत्न हो जाते हैं -जो हमारी किसी भी प्रकार की रक्षा नहीं करते हैं ||
भवदीय निवेदक "झा शास्त्री " मेरठ {भारत }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा कोई भी मित्र बनकर प्राप्त कर सकते हैं - निःशुल्क "ज्योतिष "सेवा रात्रि 7 से 9 मित्रता से प्राप्त करें ||{एकबार }--www.facebook.com/pamditjha
संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616,
संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616,
--"क्या!"शनि" की दृष्टि से अकुलायेंगें लोग और हिलेगी पृथ्वी ?"{13+14}
- --"क्या!"शनि" की दृष्टि से अकुलायेंगें लोग और हिलेगी पृथ्वी ?"{13+14}
----इस वर्ष "शनि "संवत -2070--{अर्थात 13+14} के प्रारंभ से संवत के अंत तक तुला राशि में ही रहेगा । अतः तुला राशि में स्थित शनि की विशेष दृष्टि पश्चिम {पश्चिमी -देशों }की तरफ रहेगी । इसलिए संवत 2070-में पश्चिमी प्रान्तों {देश के राज्यों}तथा पश्चिमी देशों में कहीं भयंकर भूकंप ,समुद्रीतूफान,{सुनामी }एवं कहीं शासनतंत्र के विरुद्ध {सत्ता परिवर्तन का क्लेश }आन्दोलन ,ज्वालामुखीविस्फोट,हवाई हादसे अथवा उग्रवाद से भारी जनधन हानि होगी ।
अस्तु -----भारत की धरती एवं लोग भी इस वर्ष अर्थात इस संवत में शनि की दृष्टि से अप्रभावित नहीं रह सकेंगें । सिंह ,कुम्भ एवं तुला राशि के नेताओं ,उद्योगपतियों ,बड़ी हस्तियों वाले लोगों के लिए यह संवत विशेष उलझनें लेकर उपस्थित हुआ है । कहीं दुर्भिक्ष {विशेष -वर्षा }कहीं बाढ़ से हानि तो कहीं अग्निदाह तो कहीं राजनैतिक उलटफेर अर्थात -सत्ता परिवर्तन भी होगा ।
-----यथा --"शनैश्चरः क्रमात्पश्यन तत्तद्देशान प्रयेतपीड ।
दुर्भिक्ष -देश भंगाद्ये विग्रहो राजविडव्रैह । ।
--------------ज्योतिष प्रेमियों का "ज्योतिष सेवा सदन" में हार्दिक स्वागत है ?"{१}-ज्योतिष सेवा मित्रता से ही एकबार रात्रि -7 से 9 मिलेगी किन्तु ज्योतिष जानकारी भारत में रहते हैं तो फ़ोन से ही प्राप्त कर सकते हैं । इसके लिए ऑनलाइन होना अनिवार्य है ।{२}विदेशो में रहते हैं --तो स्काइप पर एकबार निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं -आईडी-{ज्योतिष.सेवा.सदन }Skype-id-jyotish.seva.sadan
{३}--आप हमें सूचना न दें ,ऑनलाइन देखते ही -भारत में रहने वाले दोस्त -ज्योतिष जानकारी फ़ोन से निःशुल्क एकबार प्राप्त करें ,तथा विदेशों के मित्र फ्री ज्योतिष जानकारी एकबार स्काइप पर या फ़ोन से प्राप्त करें । ---दुबारा ज्योतिष जानकारी केवल सदस्यों को ही मिलेगी । सदस्य आप स्वेच्छा से ही बनें इसके लिए आपको उकसाया नहीं जायेगा ।----नोट किसी सदस्यों अथवा मित्रों को कोई शिकायत हो तो फ़ोन से सुझाब दें हम सुझाब को अमल करने क कोशिश करेंगें ।
-भवदीय निवेदक "झा शास्त्री"ज्योतिष .सेवा .सदन मेरठ -इंडिया । --निःशुल्क "ज्योतिष "सेवा रात्रि 7 से 9 मित्रता से प्राप्त करें ||{एकबार }--www.facebook.com/pamditjha
संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616, -
शनिवार, 16 नवंबर 2013
"मोती रत्न से चद्रमा [चाँद ] को प्रसन्न करें ?"{ झा शास्त्री"}
"मोती रत्न से चद्रमा [चाँद ] को प्रसन्न करें ?"{ झा शास्त्री"}
मित्र प्रवर ,राम राम |
चंद्रमा का रत्न "मोती " है आंग्ल भाषा [अंग्रेजी में -पर्ल -कहते हैं |
ऐसा ज्योतिष में विदित है कि-प्रत्येक जीव मन के वशीभूत होते हैं
,जब मन स्थीर हो जाता है -तो शांति मिल जाती है एवं शांति के बिना -जीवन
नीरस सा प्रतीत होता है ||
अस्तु "मोती " यह एक
शुभ रत्न है |क्रोध कम करने ,बल्ड प्रेशर ,ह्रदय रोग ,चिंता ,तनाव
,पारिवारिक झगडे कम करने या शांति के लिए इसे धारण किया जाता है ||
"मोती "धारण करने से पूर्व "मोती "रत्न को आप स्वयं परख सकते हैं अपनी कसोटी पर ?
[1]-किसी मिटटी के वर्तन में गोमूत्र लेकर उसमें मोती को रत भर पड़ा रहने दें |सुबह तक नकली मोती टूट जायेगा ||
[3]-पानी से भरे कांच के गिलास में मोती डालने पर उसमें से किरणें निकलती दिखे तो वह असली "मोती "होगा ||
भाव -हम दिखावा के लिए रत्न न पहनें, सही परखें और सही समय से "मोती
"कर्क " राशि या वृष राशि में यदि चंदामा हो तो धारण करना चाहिए ||
--भवदीय निवेदक "झा शास्त्री"
निःशुल्क "ज्योतिष "सेवा रात्रि 7 से 9 मित्रता से प्राप्त करें ||{एकबार }--www.facebook.com/pamditjha
संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616,
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शुक्रवार, 15 नवंबर 2013
"रत्नों की पहचान है,बहुत ही है आसान ,यदि चाहें निदान {झा शास्त्री"}?"
मित्र प्रवर -राम -राम ,नमस्कार ||
रत्नों को ज्योतिष शास्त्रों में अलंकार [शोभा ] कहा गया है |जीने
की सबकी तमन्ना होती है ,उसमें भी धन रूपी शोभा के बिना जिस प्रकार से
जीवन निरस हो जाता है -ठीक "ज्योतिष में भी रत्नों के बिना-ज्योतिष विद्या -निष्फल सी लगने लगती है ||
अस्तु -रत्न हमारे शरीर की
शोभा तो बढ़ाते ही हैं किन्तु बिपरीत परिस्थिति में हमारी रक्षा भी करते हैं
-चाहे वो धन की हो ,मर्यादा की हो ,या ग्रहों के दोष की हो ,ये सभी प्रकार
से हमारी रक्षा करते हैं | किन्तु रत्न -यदि रत्न न हो -तो रक्षा भी न के
बराबर ही हमारी करते हैं |नवग्रहों के हिसाब से -नवरत्न हैं और नव उपरत्न
भी हैं | आज अनंत रत्न हैं ,अनंत मत हैं ,इसलिए हम सत्य की पहचान करने
में असत्य की ओर भागने लगते हैं | "ज्योतिष "के अनुसार रत्न ही पहनें और
केवल वो रत्न पहनें जो -हमारी सभी प्रकार से रक्षा करे एवं जब विशेष दिक्कत
हो धन की- तो ये धन रूप में बिक भी जाय -इस प्रकार के रत्न पहनने चाहिए
,और इसकी जब तक सही परख न हो तो हम रत्न धारण न करें ?
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार -सूर्य -आत्मा पर ,चंद्रमा -मन पर ,मंगल
धैर्य पर ,बुध -वाणी पर ,गुरु [बृहस्पति ]-ज्ञान पर ,शुक्र -वीर्य पर और
शनि संवेदना पर प्रभाव डालते हैं |जन्म कुंडली में जो ग्रह नीच राशि में
या कमजोर होते हैं उनका दुष्प्रभाव पड़ता है और जो ग्रह उच्च राशि में या
बलवान होते हैं उनका शुभ फल भी मिलता है |ऐसी दशा में ग्रहों की दुर्बलता
दूर करने के लिए उनसे सम्बंधित रत्न भी पहने जाते हैं ।
[1 ]-सूर्यरत्न=माणिक्य या रूबी -गुलाबी लाल रंग का होता है |इसे धारण करने
से भाग्योदय होता है ,शत्रुओं का नाश होता है ,पदोन्नति होती है ,समाज में
प्रतिष्ठा बढती है | जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में -सूर्य -शुभ भाव में
स्थित हो उसे ही -माणिक्य धारण करना चाहिए।
नोट -माणिक्य की पहचान इस प्रकार से करें -
[1 ]-गाय के दूध में माणिक्य डालने पर -दूध गुलाबी- सा दिखने लगता है ||
[2 ]-कांच के गिलास में माणिक्य रखने पर कांच में हलकी लाल किरणें निकलती दिखाई देती है |
[3 ]-कमल की कलि पर माणिक्य रखने से वह खिल जाता है ||
भाव -यदि आपकी कसोटी पर "माणिक्य "सटीक बैठे तो जरुर लें -ये शास्त्रों की प्रमाणिकता है ||
हम क्रम से सभी रत्नों की विवेचना करेंगें |
--भवदीय निवेदक "झा शास्त्री"
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गुरुवार, 14 नवंबर 2013
"शारीरिक अवयव और राशि मंडल ?"-{--झा शास्त्री -मेरठ }
"शारीरिक अवयव और राशि मंडल ?"-{--झा शास्त्री -मेरठ }
----"ज्योतिष को नेत्र की उपाधि से विभूषित किया गया है| साथ ही हमारे अवयवों पर भी ज्योतिष के ग्रहों का प्रभाव पड़ता है ,यदि कुंडली के किसी भाव में शक्ति विहीन ग्रह हों तो -उस स्थान की पीड़ा हमें सहनी पड़ती है या किसी भाव में बलिष्ठ ग्रह हों - तो -उस स्थान या उस स्थान के अवयव हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं "!!
अस्तु -भचक्र में स्थित 12 राशियों के समस्त राशि -मंडल को एक बृहत् [विराट ] काल पुरुष मानते हुए -मेष को -शिर ,वृष को-मुख ,मिथुन को बाहु तथा गला या बक्षस्थल ,कर्क -को ह्रदय ,सिह को -पेट ,कन्या - राशि को-पेट का नीचे का भाग -कटी [कमर ],तुला को वस्ति ,तथा जननेंद्रिय ,वृश्चिक को गुदा ,धनु को -कुल्हे तथा जांघ ,मकर को घुटने ,कुम्भ को -पिंडलियाँ और मीन को पैर =यह शरीर के बाहरी अवयवों का विभाग है |=भीतरी अवयवों पर भी १२ राशियों का क्रमशः निम्नलिखित प्रकार से आधिपत्य पड़ता है या रहता है ||
[१] मेष -मस्तिक [दिमाग ]|[२]-वृष -कंठ की नली [टांसिल ][३]-मिथुन -फेफड़े [स्वास लेना ][४]-कर्क -पाचन शक्ति[५]-सिह -ह्रदय |[६]-कन्या -अन्तरियां-[पेट के भीतर का निचला भाग ][७]-तुला -गुर्दे[८]-वृश्चिक -मूत्रेंद्रिय ,जननेंद्रिय |[९]धनु -अनायु -मंडल तथा नसें जिनमें रक्त प्रवाहित होता रहता है |[१०]-मकर -हड्डियाँ तथा अंगों के जोड़ |[११]-कुम्भ -रक्त तथा रक्त प्रवाह |[१२]-शारीर में सर्वत्र [सभी जगह ] कफोत्पादन |
-----भाव -जन्म के समय -जिस राशि में शुभ ग्रह होते हैं ,शरीर का वो भाग पुष्ट [सुन्दर ] होता है | तथा जिस भाव में पापग्रह या नीच ग्रह होते हैं -शरीर का उससे से सम्बंधित भाग कृष या रोगयुक्त ,एवं पीड़ित होता है ||
----भवदीय निवेदक "झा शास्त्री"
निःशुल्क "ज्योतिष "सेवा रात्रि 7 से 9 मित्रता से प्राप्त करें ||{एकबार }--www.facebook.com/pamditjha
संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616,
बुधवार, 13 नवंबर 2013
"राहु -ग्रह"= की विशेषता को परखकर देखें {झा -शास्त्री -मेरठ }?"
"राहु -ग्रह"= की विशेषता को परखकर देखें {झा -शास्त्री -मेरठ }?"www.facebook.com/pamditjha
--दुष्ट ग्रह "राहु " शनि के समान ही प्रभावशाली अर्थात फल प्रदान करता है ! तीसरे ,छठे भाव में "राहु "महाबली होता है साथ ही जातक को भी बलशाली बनाता है । साथ ही सफल कूटनीतिग्य बनाता है और अपनी दशा में जातक को अपार धन,धान्य एवं वैभव भी प्रदान करता है 1
{2 }-दशम और एकादश भाव में भी रक्षा करता है तथा अन्य सभी भावों में यह मारक ही हो जाता है --और चौथे भाव स्थित राहु अपनी दशा में बालक विद्या चाहने के बाद भी नहीं पढ़ पाता है1
इससे बचने के लिए राहु के जाप ,दान,हवन उपयोगी हो सकते हैं ---रत्न गोमेद भी धारण कर सकते हैं
"राहु " का बीज मन्त्र सरल भाषा में -ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहुवे नमः संख्या -18000 ---
परामर्श हेतु --सहायता सूत्र -09897701636 +09358885616 {भारत }निःशुल्क ज्योतिष सेवा शाम 7 से 9 में मित्रता से एकबार कोई भी प्राप्त कर सकते हैं फेसबुक पर -"
शास्त्री मेरठ भारत ।
--दुष्ट ग्रह "राहु " शनि के समान ही प्रभावशाली अर्थात फल प्रदान करता है ! तीसरे ,छठे भाव में "राहु "महाबली होता है साथ ही जातक को भी बलशाली बनाता है । साथ ही सफल कूटनीतिग्य बनाता है और अपनी दशा में जातक को अपार धन,धान्य एवं वैभव भी प्रदान करता है 1
{2 }-दशम और एकादश भाव में भी रक्षा करता है तथा अन्य सभी भावों में यह मारक ही हो जाता है --और चौथे भाव स्थित राहु अपनी दशा में बालक विद्या चाहने के बाद भी नहीं पढ़ पाता है1
इससे बचने के लिए राहु के जाप ,दान,हवन उपयोगी हो सकते हैं ---रत्न गोमेद भी धारण कर सकते हैं
"राहु " का बीज मन्त्र सरल भाषा में -ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहुवे नमः संख्या -18000 ---
परामर्श हेतु --सहायता सूत्र -09897701636 +09358885616 {भारत }निःशुल्क ज्योतिष सेवा शाम 7 से 9 में मित्रता से एकबार कोई भी प्राप्त कर सकते हैं फेसबुक पर -"
शास्त्री मेरठ भारत ।
मंगलवार, 12 नवंबर 2013
"शुभ ग्रह शुक्र के साथ मंगल हो तो -{झा शास्त्री -मेरठ }
"शुभ ग्रह शुक्र के साथ मंगल हो तो -{झा शास्त्री -मेरठ }
----"शुक्र "बहुत शुभ ग्रह है -सहत्रसार में अमृत के कुंड का संचालन यही करता है 1 जिह्वा और जनेन्द्रिय में इसका निवास होता है 1 शरीर के मुख्य संचालन का कार्य भार "शुक्र "के ही कारण है 1 भगवान शंकर के वरदान अनुसार "बृहस्पति "से तीन गुणा बल इसमें अधिक है 1 सब ग्रह आठवें ,बारहवें भाव में सारहीन हो जाते हैं ,किन्तु "शुक्र "आठवें और बारहवें भाव में हो और साथ ही इसकी महादशा चल जाये तो जातक को अरबों ,खरबों रूपये ,वाहन सुख,राज्यसुख,स्त्रीसुख अर्थात सबकुछ प्रदान कर देता है 1
------साथ ही अगर मंगल के साथ शुक्र होता है तो वह काम पिपासा का धनि भी इतना बता है कि 90 वर्ष तक भी काम के क्षेत्र में हल्का नहीं होने देता है जातक को 1 अर्थात वह ब्रह्मचारी रहने ही नहीं देता और बिना ब्रह्मचारी रहे ईस्वर की उपासना हो ही नहीं सकती है 1
बाबा तुलसीदास ज की ये उक्ति ----"जहां राम तहां काम नहि ,जहां काम कहां राम 1
तुलसी कबहुंक रहि सकहि ,रवि ,रजनी एक ठाम 11
अस्तु ---श्री हनुमानजी को छोड़कर कामदेव से सब पराजित हुए हैं ,शुक्र लाभदायी ग्रह है 1
"शुक्र "का बीज मन्त्र सरल भाषा में -ॐ द्राम द्रीम द्रोम सः शुक्राय नमः !
अर्थात -कुंडली मिलान के समय "शुक्र +मंगल का भी विशेष विचार अवश्य ही करना चाहिए !
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन झा शास्त्री {मेरठ -भारत }=<a>www.facebook.com/pamditjha</a>
परामर्श --सहायता -सूत्र -09897701636 +09358885616
----"शुक्र "बहुत शुभ ग्रह है -सहत्रसार में अमृत के कुंड का संचालन यही करता है 1 जिह्वा और जनेन्द्रिय में इसका निवास होता है 1 शरीर के मुख्य संचालन का कार्य भार "शुक्र "के ही कारण है 1 भगवान शंकर के वरदान अनुसार "बृहस्पति "से तीन गुणा बल इसमें अधिक है 1 सब ग्रह आठवें ,बारहवें भाव में सारहीन हो जाते हैं ,किन्तु "शुक्र "आठवें और बारहवें भाव में हो और साथ ही इसकी महादशा चल जाये तो जातक को अरबों ,खरबों रूपये ,वाहन सुख,राज्यसुख,स्त्रीसुख अर्थात सबकुछ प्रदान कर देता है 1
------साथ ही अगर मंगल के साथ शुक्र होता है तो वह काम पिपासा का धनि भी इतना बता है कि 90 वर्ष तक भी काम के क्षेत्र में हल्का नहीं होने देता है जातक को 1 अर्थात वह ब्रह्मचारी रहने ही नहीं देता और बिना ब्रह्मचारी रहे ईस्वर की उपासना हो ही नहीं सकती है 1
बाबा तुलसीदास ज की ये उक्ति ----"जहां राम तहां काम नहि ,जहां काम कहां राम 1
तुलसी कबहुंक रहि सकहि ,रवि ,रजनी एक ठाम 11
अस्तु ---श्री हनुमानजी को छोड़कर कामदेव से सब पराजित हुए हैं ,शुक्र लाभदायी ग्रह है 1
"शुक्र "का बीज मन्त्र सरल भाषा में -ॐ द्राम द्रीम द्रोम सः शुक्राय नमः !
अर्थात -कुंडली मिलान के समय "शुक्र +मंगल का भी विशेष विचार अवश्य ही करना चाहिए !
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन झा शास्त्री {मेरठ -भारत }=<a>www.facebook.com/pamditjha</a>
परामर्श --सहायता -सूत्र -09897701636 +09358885616
ज्योतिष सेवा की नूतन नियमावली देखें ={2014 }झा शास्त्री ?"
ज्योतिष सेवा की नूतन नियमावली देखें ={2014 }झा शास्त्री ?"
-----ज्योतिष सेवा सदन कि निःशुल्क ज्योतिष सेवा सन 2010 में शुरू हुई थी जो चल रही है और जब तक आप मित्रों का सहयोग रहेगा और ऊपरवाले की कृपा रहेगी यह सेवा चलती रहेगी । www.facebook.com/pamditjha
{1 }-निःशुल्क ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए फेसबुक पर दोस्ती करनी पड़ती है{ ज्योतिष सेवा सदन=कन्हैयालाल झा शास्त्री } से या{ मेरठ एस्ट्रो हाउस }से = भारत में रहने वाले मित्र सहायता सूत्र 09897701636 +09358885616 से ही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं एकबार अपनी । विदेशों में रह रहे हिन्दी भाषी मित्र स्काइप पर एकबार निःशुल्क ज्योतिष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ,किन्तु जानकारी के लिए पहले उन मित्रों को फेसबुक पर दोस्त बनना होगा ।
----{2 }---अगर आपको ज्योतिष जानने की जिज्ञासा दुबारा होती है --तो आप 500 रूपये देकर सुवह -8 से रात्रि 9 बजे तक ज्योतिष की जानकारी सहायता सूत्र से या वीडियोकॉल के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं ।
--{3 }----अगर आप अपनी समस्त जानकारी आजीवन चाहते हैं ज्योतिष के द्वारा तो झा शास्त्री आपके लिए तत्पर रहते हैं प्रातः 8 से 11 एवं रात्रि 7 से 9 बजे तक । इसके लिए आपको आजीवन सदसयता शुल्क 11. 000 एग्यारह हजार जमा करने होंगें ।
नोट -----दोस्तों --निःशुल्क ज्योतिष सेवा कोई भी सही मित्र बनकर प्राप्त करें और ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के आलेखों को निरंतर पढ़ते रहें । साथ ही हमारा उद्देश्य आलेखों को लिखना निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार देना ही है न कि किसी मित्रों को कष्ट पहुँचाना है --अगर कोई ऐसे मित्र हैं जिनको धन के लिए उकसाया गया है या धन लेने के बाद सेवा नहीं मिली है या निःशुल्क सेवा की जगह घन की सेवा बताई गयी है तो हमें आप सूचित करें । हमारी कोशिश ज्योतिष और ज्योतिषियों के प्रति आपकी निष्ठा निरन्तर बनी रहे --किन्तु यह भी सच है धन के बिना बहुत कुछ नहीं हो सकता है केवल एकबार तो निःशुल्क सेवा दे सकते हैं दुबारा नहीं ।
आपका ज्योतिष सेवा सदन {कन्हैयालाल झा शास्त्री }मेरठ एस्ट्रो हाउस -झा शास्त्री
https://www.facebook.com/ kanhaiyalal.jhashastri
कृष्णपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ भारत सहायता सूत्र =09897701636 +09358885616
-----ज्योतिष सेवा सदन कि निःशुल्क ज्योतिष सेवा सन 2010 में शुरू हुई थी जो चल रही है और जब तक आप मित्रों का सहयोग रहेगा और ऊपरवाले की कृपा रहेगी यह सेवा चलती रहेगी । www.facebook.com/pamditjha
{1 }-निःशुल्क ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए फेसबुक पर दोस्ती करनी पड़ती है{ ज्योतिष सेवा सदन=कन्हैयालाल झा शास्त्री } से या{ मेरठ एस्ट्रो हाउस }से = भारत में रहने वाले मित्र सहायता सूत्र 09897701636 +09358885616 से ही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं एकबार अपनी । विदेशों में रह रहे हिन्दी भाषी मित्र स्काइप पर एकबार निःशुल्क ज्योतिष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ,किन्तु जानकारी के लिए पहले उन मित्रों को फेसबुक पर दोस्त बनना होगा ।
----{2 }---अगर आपको ज्योतिष जानने की जिज्ञासा दुबारा होती है --तो आप 500 रूपये देकर सुवह -8 से रात्रि 9 बजे तक ज्योतिष की जानकारी सहायता सूत्र से या वीडियोकॉल के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं ।
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नोट -----दोस्तों --निःशुल्क ज्योतिष सेवा कोई भी सही मित्र बनकर प्राप्त करें और ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के आलेखों को निरंतर पढ़ते रहें । साथ ही हमारा उद्देश्य आलेखों को लिखना निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार देना ही है न कि किसी मित्रों को कष्ट पहुँचाना है --अगर कोई ऐसे मित्र हैं जिनको धन के लिए उकसाया गया है या धन लेने के बाद सेवा नहीं मिली है या निःशुल्क सेवा की जगह घन की सेवा बताई गयी है तो हमें आप सूचित करें । हमारी कोशिश ज्योतिष और ज्योतिषियों के प्रति आपकी निष्ठा निरन्तर बनी रहे --किन्तु यह भी सच है धन के बिना बहुत कुछ नहीं हो सकता है केवल एकबार तो निःशुल्क सेवा दे सकते हैं दुबारा नहीं ।
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सोमवार, 11 नवंबर 2013
"मंगल ग्रह से वैधव योग भी बन जाता है ?"{झा- शास्त्री }
--अग्निकारक ग्रह मंगल
है -जब यह लग्न और सप्तम में बैठता है तो मानव में क्रोध बहुत अधिक होता
है 1 पति -पत्नी में इसी के कारण विशेष रूप से लडाइयां होती हैं 1 कारण कि
"मंगल" युद्ध का ग्रह है इसको लडाई रोज चाहिए 1 जिनका "मंगल" 8 या 12 भाव
में होता है उसका देहबल और मनोबल ठीक नहीं रहता है 1 रोग से पीड़ित रहते हैं
,काम करने कि हिम्मत होने के बाद भी काम नहीं कर पाते 1 यदि -शनि के साथ
मंगल बैठा हुआ होगा तो जीवन में जातक धन को स्थिर नहीं कर पाएगा 1 यह
अकाट्य सिद्धांत है । -----1 ,4 ,7 ,8 ,12 भावों में यदि मंगल होता है तो
वह जातक मंगली कहलाते हैं 1 इसमें एक और सूक्ष्म विवेचन है -वह लग्न से
मंगली हो ,चन्द्र से मंगली हो ,शुक्र से मंगली हो तो वह मंगली माना जाता है
1 यदि विवाह के बाद मंगल महादशाओं में आ जाता है और जातक मंगली नहीं होता
है तो वैधव योग उपस्थित हो जाता है 1
---प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन [मेरठ -भारत }=www.facebook.com/pamditjha
ज्योतिष निःशुल्क एकबार परामर्श फेसबुक पर मित्रता से कोई भी प्राप्त कर सकते हैं । शाम 7 से 9 में --सहायता हेतु =उपलब्ध सूत्र -09897701636 +09358885616
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रविवार, 10 नवंबर 2013
ज्योतिष सेवा सदन से आप कहाँ -कहाँ जुड़ सकते हैं ?"
ज्योतिष सेवा सदन से आप कहाँ -कहाँ जुड़ सकते हैं ?"
----{1 }---फेसबुक= प्रोफाइल नाम -ज्योतिष सेवा सदन {कन्हैयालाल झा }फ्री ज्योतिष की जानकारी अपनी कोई भी मित्र बनकर एकबार फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं । जानकारी हेतु लिंक -=--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri-
------{2 }-फेसबुक पेज -नाम -ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ }-विशेष जानकारी हेतु लिंक -- www.facebook.com/pamditjha
---------{3 }-फेसबुक समूह का नाम -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ- भारत }-विशेष जानकारी हेतु लिंक ----=-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/
------{4 }-ज्योतिष सेवा सदन की दूसरी प्रोफाइल -नाम-- मेरठ -एस्ट्रो हाउस --इस प्रोफाइल पर कोई भी मित्र रात्रि -8 से 9 में ज्योतिष की अपनी जानकारी एकबार फ्री फ़ोन के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं जानकारी या दोस्त हेतु इस लिंक पर जाएँ ----=https://www.facebook.com/meerutastro.house--
----{5 }--ब्लॉग का नाम -एस्ट्रो -हेल्प -वर्ल्ड -हाउस --{ज्योतिष सेवा सदन}- के ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के आलेखों को जुड़कर या बिना जुड़े ही निरन्तर पढ़ सकते हैं विशेष जानकारी हेतु इस लिंक पर जाएँ और पढ़ें --http://astrohelpworld.blogspot.in/ ==
निःशुल्क ज्योतिष जानकारी शाम 7 से 8 में फेसबुक पर ज्योतिष सेवा सदन से जुड़कर ही एकबार फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं । रात्रि -8 से 9 में ज्योतिष की जानकारी केवल फेसबुक पर मेरठ -एस्ट्रो -हाउस से जुड़े या जुड़कर ही फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं ।
-------अगर आप विदेशों में रहते हैं तो ज्योतिष की एकबार फ्री जानकारी स्काइप पर प्राप्त कर सकते हैं किन्तु इसके लिए फेसबुक पर जुड़ना होगा तभी स्काइप पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं स्काइप आई डी -jyotish.seva.sadan jha shastri
------------अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं फिर भी ज्योतिष की जानकारी नहीं मिली है तो हमें आप कभी भी शिकायत करें सहायता सूत्र -09897701636 +09358885616
--------अगर आप आजीवन सदस्य नहीं बनना चाहते हैं या धन के लिए आपको उकसाया गया है तो भी आप हमें सूचित करें --सहायता सूत्र =09897701636 +09358885616
आपका ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत प्रबंधक पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री
----{1 }---फेसबुक= प्रोफाइल नाम -ज्योतिष सेवा सदन {कन्हैयालाल झा }फ्री ज्योतिष की जानकारी अपनी कोई भी मित्र बनकर एकबार फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं । जानकारी हेतु लिंक -=--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri-
------{2 }-फेसबुक पेज -नाम -ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ }-विशेष जानकारी हेतु लिंक -- www.facebook.com/pamditjha
---------{3 }-फेसबुक समूह का नाम -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ- भारत }-विशेष जानकारी हेतु लिंक ----=-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/
------{4 }-ज्योतिष सेवा सदन की दूसरी प्रोफाइल -नाम-- मेरठ -एस्ट्रो हाउस --इस प्रोफाइल पर कोई भी मित्र रात्रि -8 से 9 में ज्योतिष की अपनी जानकारी एकबार फ्री फ़ोन के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं जानकारी या दोस्त हेतु इस लिंक पर जाएँ ----=https://www.facebook.com/meerutastro.house--
----{5 }--ब्लॉग का नाम -एस्ट्रो -हेल्प -वर्ल्ड -हाउस --{ज्योतिष सेवा सदन}- के ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के आलेखों को जुड़कर या बिना जुड़े ही निरन्तर पढ़ सकते हैं विशेष जानकारी हेतु इस लिंक पर जाएँ और पढ़ें --http://astrohelpworld.blogspot.in/ ==
निःशुल्क ज्योतिष जानकारी शाम 7 से 8 में फेसबुक पर ज्योतिष सेवा सदन से जुड़कर ही एकबार फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं । रात्रि -8 से 9 में ज्योतिष की जानकारी केवल फेसबुक पर मेरठ -एस्ट्रो -हाउस से जुड़े या जुड़कर ही फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं ।
-------अगर आप विदेशों में रहते हैं तो ज्योतिष की एकबार फ्री जानकारी स्काइप पर प्राप्त कर सकते हैं किन्तु इसके लिए फेसबुक पर जुड़ना होगा तभी स्काइप पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं स्काइप आई डी -jyotish.seva.sadan jha shastri
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आपका ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत प्रबंधक पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री
"यंत्र -मन्त्र एवं तंत्र क्या हैं ?{"झा शास्त्री }
-----"मननात त्रायते यस्मात तस्मात् मन्त्रः प्रकीर्तितः ।
जपात सिद्धिर्जपात सिद्दिर्न संशयः । ।
------मन्त्र ऐसे दिव्यशब्दों का समूह है ,जिसे दृढ इच्छाशक्तिपूर्वक उच्चारण एवं मनन से ही हम अलौकिक काम कर सकते हैं । चुने हुए गुप्त शब्द ही मन्त्र हैं । इनमें शब्दों का ऐसा क्रम दिया जाता है ,कि उनके मौन या अमौन अवस्था में उच्चारण मात्र से शून्य महाकाश में एक विचित्र कम्पन उत्पन्न होती है ,जिसमें अभिसिप्त कार्यसिद्धि एवं रचनात्मक प्रबल -प्रछिन्न शक्ति होती है -----।
अस्तु ------मन्त्र शास्त्र के अनुसार वेदमन्त्रों को ब्रह्मा में शक्ति प्रदान की । तांत्रिक प्रयोगों को भगवान शिव ने शक्ति संपन्न किया । इसी प्रकार कलियुग में शिवावतार श्री शाबरनाथ जी ने शाबर मन्त्रों को अद्भुत शक्ति प्रदान की । शाबरमन्त्र अनमिल बेजोड़ शब्दों का एक समूह होता है ,जो कि अर्थहीन मालूम देते हैं ,परन्तु भगवान शंकर जी के प्रताप से ये मन्त्र अवन्ध्य प्रभाव रखते हैं ----
"अनमिल आखर अर्थ न जापू । प्रकट प्रभाव महेश प्रतापू {रामचरित मानस }
नोट -यंत्र -मन्त्र एवं तंत्रों के योग्य बनें ,किसी गुरु के सान्निध्य में सिद्धि करें ,साथ ही गुप्तता रखें, तब फिर इनके चमत्कार से अपनी और जग की रक्षा करें ।
------प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }=--www.facebook.com/pamditjha
शनिवार, 9 नवंबर 2013
"तंत्र ,मन्त्रों से स्वास्थ लाभ भी संभव है ?
"तंत्र ,मन्त्रों से स्वास्थ लाभ भी संभव है ?
------"तंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अंतर्गत कुछ सिद्धि प्राप्त करने के लिए ---जैसे अपने शरीर को स्वस्थ रखने एवं जन्म -मरण से छुटकारा पाने हेतु प्राचीन विद्वानों ,ऋषि -मुनियों द्वारा मन्त्रों की रचना की गयी । हर मन्त्र की रचना इस प्रकार होती है जिससे हर शब्द स्वर -व्यंजनों के जोड़ से सही बैठता है । अतः उन मन्त्रों के शुद्ध उच्चारण से कंठ से निकले हर मन्त्र के शब्दों के स्वर से ऐसा कम्पन पैदा होता है -----जिससे मस्तिष्क को जाती हर नाडी प्रभावित होती है । अतः इन उत्पन्न तरंगों द्वारा अन्तः स्रावी ग्रंथियां जैसे ---पिय्युटरी,पीनियल ,थाइराइड और पेरा थाइराइड तक पहुंच इनको उत्तेजित करती है । इस उत्तेजना से हर ग्रंथि अपना कार्य कुशलता पूर्वक कर शरीर के हर अंग में अपना योगदान देती है । जिससे स्वास्थ बना रहता है तथा शरीर सुचारू रूप से अपनी प्रतिरोध-क्षमता बढ़ता रहता है ।
---इससे न केवल प्रतिरोध क्षमता बढती है ,बल्कि सामान्य बिमारियों से भी बचा जा सकता है । चार -वेद हैं । महामृत्युंजय मन्त्र ऋग्वेद से और गायत्री मन्त्र यजुर्वेद से हैं ।
आलेख ----पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }--www.facebook.com/pamditjha
शुक्रवार, 8 नवंबर 2013
"ज्योतिष " की शोभा रत्न होते हैं !"
"काव्य शोभा करान धर्मान अलन्कारान प्रचक्षते "=मित्र
बन्धु गण -संसार में सादगी किसी को पसंद नहीं आती है-[सिवा -संतों के ]-घर
हो किन्तु आलौकिक हो सभी चाहते हैं ,रूप हो- परन्तु मनोहारी हो ?- संसार कि कोई भी वस्तु हो हमलोगों की कामना यही रहती है ,कि दिव्य हो ?-कुछ लोगों
को ऊपर वाले की कृपा से अच्छी वस्तु प्राप्त हो भी जाती है ||आईये
-संस्कृत साहित्य के रचना कार भी "साहित्य दर्पण" नामक रंथ की रचना की और
उन्होंने भी भी यही कहा -कि अलंकार के बिना काव्य की भी शोभा नहीं होती है
| आप चाहे कितने भी सुयोग्य है -किन्तु सुन्दरता के बिना अधूरे हैं || भला
इस स्थिति में -"ज्योतिष "की भी शोभा तो रत्न ही होंगें ,प्राचीन काल में
राजा महराजा लोग रत्न भव्यता के लिये धारण करते थे ,समय बदला हमलोग बदले
,"ज्योतिष "बदली -और रत्न "ज्योतिष का अभिन्न अंग बन गए ||--वास्तविकता
क्या है -हम अपने कृत्य कम का फल या तो "ज्योतिष "के द्वारा जानते हैं या
भोगते हैं ,प्रत्येक दंड का प्रायश्चित करना पड़ता है ,और उसके लिये
-सात्विक कर्म हमें करने चाहिए ,तभी हम सही होंगें या आने वाला समय सही
होगा ,परन्तु हमलोग-उस निदान की उपेक्षा करते हैं ,जो हमें सुन्दरता तो
प्रदान करता है-किन्तु सत्य का प्रतीक नहीं है-आइये हम उस पथ पर चलने की
कोशिश का संकल्प लें -हमें सुन्दर कर्म करने चाहिए -और यदि भूल हो भी जाये
तो -"तप" करने चाहिए ,आप रत्न जरुर पहनें ,किन्तु देखा देखी में नहीं
-स्थिति के अनुरूप चलें एवं अपने मित्रों को भी सुझाव दें|| हमलोग किसी भी
कार्ज़ को करने से पहले विचार नहीं करते हैं ,कुछ अपने शरीर को कष्ट दें
एवं तप करें || ||
भवदीय निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत } www.facebook.com/pamditjha
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-----आपका ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री
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गुरुवार, 7 नवंबर 2013
"सूर्यषष्ठीव्रत"छठ पूजा [डाला छठ ]विशेषता जानें ?"
दीपावली
के उपरांत जो षष्ठी तिथि आती है ,उस षष्ठी तिथि को सूर्य षष्ठी ,छठ पूजा
या डाला छठ के नाम से प्रसिद्धि मिली हुई है | इस व्रत के करने से
आरोग्य की प्रप्ति होती है | "सूर्यपुराण " के अंतर्गत इस व्रत की विधि
बहुत ही कठिन है ,किन्तु जो भी इस व्रत को सविध करता है,भगवन सूर्य
नारायण की कृपा से वो व्यक्ति रोगी नहीं रहता है ,जो इस व्रत को करते हुए
भी देखता है उसे भी आरोग्य की प्रप्ति होती है | जिन व्यक्तियों को -आखें
,चरक रोग ,कुष्ठ तथा ताप सम्बन्धी कष्ट रहते हैं, वो व्यक्ति यदि इस
व्रत को करे, तो 3 वर्ष के अंतर्गत रोग्से मुक्त हो जाते हैं | जब सभी
देवता गण स्वर्ग लोक को जाने लगे तो ,ब्रह्माजी ने अग्नि ,वायु ,वरुण को
पृथ्वी लोक पर रहने को कहा और साथ ही यह भी कहा कि आप सबकी पूजा निरंतर
होती रहेगी ,इसलिए सनातन धर्म में ,पूजा हो या कोई भी धार्मिक संस्कार
सभी जगहों में दीपक जरुर जलाते हैं , कलश का पूजन भी होता ही है .तथा
हनुमानजी की पूजा तो लोग जरुर करते हैं | एक मान्यता है ,कि विवाह के
उपरांत चतुथी संस्कार होता है ,और पत्नी अपने पत्ति का श्पर्श तब तक
नहीं करती है जब तक यह संस्कार नहीं हो जाता है -कारण पर्त्येक बालिका का
श्पर्श अग्नि वायु ,एवं वरुण द्वारा होता है तो पहली रात्रि ,अग्नि
दूसरी रात्रि -वायु एवं तृतीय रात्रि का निवास वरुण के साथ होना चाहिए
.कालांतर में यह मान्यता अब कहीं -कहीं ही देखने को मिलती है | भाव
-मित्र बन्धुओं -भागवान आदित्य की पूजा जरुर करें ,और आदित्य की तरह आपना
स्वभाव भी बनायें | भागवान सूर्य की विशेषता है चाहे कोई उनकी पूजा करे
या न करे वो अपना प्रकाश सभी को निरंतर देते रहते हैं ] आपका ज्योतिष सेवा सदन मेरठ भारत = पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha ===सहायता सूत्र =09897701636 +09358885616 -True Thought-if somebody loves you truly,don't use their emotions
for your enjoyment because today you are being loved,GUD DAY,
बुधवार, 6 नवंबर 2013
जम्मू -काश्मीर को पीड़ा सहनी पड़ेगी{13+14-विशेष }?"
जम्मू -काश्मीर को पीड़ा सहनी पड़ेगी{13+14-विशेष }?"
-----इस भारतीय भूभाग प्रान्त की नाम राशि मकर किन्तु प्रभाव राशि तुला है । इस संवत में राहु +शनि दोनों शुरू से अंत तक तुला राशि में ही भ्रमण करेंगें ।
------गोचर ग्रह की स्थिति के अनुसार 7 जुलाई 13 तक एवं 18 अगस्त से 4 अक्तूबर 13 तक प्राकृतिक और उग्रवाद की विशेष पीड़ा साहनी पड़ी| इस भारतीय भूभाग को ,किन्तु अभी सम्पूर्ण संवत तक इस राज्य की सीमा पर आपसी झड़पों से अशांत रहेगी इस भारतीय भूभाग पर । टूरिज्म को बढ़ावा देने बावजूद इस प्रान्त की आर्थिक -राजनैतिक -सामाजिक स्थिति उत्तम नहीं रहेगी ।
----आगे फरवरी 14 से संवत पर्यन्त तक भी यह प्रान्त उग्रवाद और प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त रहेगा इस प्रकार का ज्योतिष का अनुमान है --आगे जैसी हरि कि कृपा सर्वज्ञ तो वही हैं ।
आपका ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत --{1 }--निःशुल्क ज्योतिष सेवा इस प्रोफाइल ==--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- के मित्रों को शाम 7 से 8 तक मिलेगी ==आपका एस्ट्रो वर्ल्ड हाउस मेरठ भारत -=-https://www.facebook.com/meerutastro.house---इस प्रोफाइल के मित्रों को निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार रात्रि -8 से 9 तक मिलेगी =भारत में रहने वाले सभी मित्रों को केवल फ़ोन से ही एकबार निःशुल्क ज्योतिष जानकारी मिलेगी और अगर विदेशों में रहते हैं तो एकबार निःशुल्क ज्योतिष जानकारी स्काइप पर शाम 7 से 9 में प्राप्त कर सकते हैं किन्तु मित्रता साबित करनी होगी फेसबुक पर । आपकी सहायता के लिए सूत्र -09897701636 +09358885616
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----आगे फरवरी 14 से संवत पर्यन्त तक भी यह प्रान्त उग्रवाद और प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त रहेगा इस प्रकार का ज्योतिष का अनुमान है --आगे जैसी हरि कि कृपा सर्वज्ञ तो वही हैं ।
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मंगलवार, 5 नवंबर 2013
"हरियाणा" सत्ता बरकरार रहेगी =13 +14 ज्योतिष विशेष }?"
"हरियाणा" सत्ता बरकरार रहेगी =13 +14 ज्योतिष विशेष }?"
------हरियाणा राज्य की राशि मिथुन किन्तु प्रभावी राशि मीन है । राशि के स्वामी बुध कुण्डली {वर्षारम्भ} में पंचग्रही योग के कारण अस्त है । वर्त्तमान राज्य सरकार को उठा -पटक के झटके खूब सहने पड़ेंगें किन्तु सत्ता बरकरार रहेगी । विरोधियों का सामना अद्भुत साहस से करेगी । कोई राजनीति का विशेष सेवक काल के गर्त में समां सकता है । इस वर्ष इंद्रदेव की कृपा पूर्ण रूप से रहेगी जिस कारण से हरी सब्जियाँ ,फल -फूल ,धान ,आलु ,प्याज ,गाजर -मूली ,मूंगफली ,गेंहू ,चना ,कि फसल अच्छी होगी । संवत =2070 अर्थात 13 +14 में बिजली ,पानी और अन्नादि का वितरण को लेकर हो हल्ला खूब मचेगा । जाट समुदाय ना खुश हो सकता है । हरियाणा राज्य -केंद्र को पानी +बिजली देने में उत्साह नहीं दिखायेगा ।
---इस उक्ति से देखें तो =="आगे पीछे बहुत ग्रह ,बुध ग्रह पाप मझार ।
राजनीति सह दविंद से होवे बहुत विगार । ।
अर्थात ---घिनौनी राजनीति के चलते सरकारी तौर पर फेरबदल सम्भव है । उधोगों का संकुचित होना बहस का मुद्दा बनेगा । केंद्र सरकार सहयोग से पल्ला झाड़ सकती है । मीन राशि में पंचग्रहि योग असंभावी कुघाटना का ईशारा कर रहा है । -------
आपका -ज्योतिष सेवा सदन मेरठ भारत ---निःशुक ज्योतिष सेवा रात्रि 7 से 9 में एकबार अवश्य मित्रता से कोई भी प्राप्त करें ---09897701636 +09358885616
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---इस उक्ति से देखें तो =="आगे पीछे बहुत ग्रह ,बुध ग्रह पाप मझार ।
राजनीति सह दविंद से होवे बहुत विगार । ।
अर्थात ---घिनौनी राजनीति के चलते सरकारी तौर पर फेरबदल सम्भव है । उधोगों का संकुचित होना बहस का मुद्दा बनेगा । केंद्र सरकार सहयोग से पल्ला झाड़ सकती है । मीन राशि में पंचग्रहि योग असंभावी कुघाटना का ईशारा कर रहा है । -------
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सोमवार, 4 नवंबर 2013
"शेयर मार्केट की स्थिति {नवम्बर =2013 }?"
"शेयर मार्केट की स्थिति {नवम्बर =2013 }?"
------मास की शुरुआत तेजी से होगी पर बुध वक्री होने से हल्का सा मंदी का योग भी बनेगा किन्तु यह क्षणिक समय के लिए ही रहेगा । रिलायंस ,टिस्को ,एस बी आई ,सत्यम आदि के शेयर ऊचे जायेंगें । तारीख -5 /11 से 11 /11 के बीच बुध मार्गी होने के करण शेयर्स के भाव नीचे आयेंगें । अर्थात पहले का सौदा 12 /11 के पहले बेचकर तेजी का इन्तजार करें तो लाभ हो सकता है । इस माह शेयर बाजार में ऊँचे एवं नीचे दोनों भावों में विशेष देखने को मिलेगा । सूर्यदेव की संक्रांति वृश्चिक राशि में 16 /11 दिन शनिवार को पड़ेगी अतः ज्यादातर शेयरों में घटा -बढ़ी पुरे महीना देखने को मिलेगी । औधौगिक कपनियों के शेयर्स में अत्यधिक उछाल आएगा ,इस समय तेजी का लाभ लिया जा सकता है । इस माह सेंसेक्स में तेजी दिखेगी । महीने के अंत में रिलायंस ,एफ सी ,युनियन के शेयर्स खरीदने योग्य होंगें । मास के अंत में विशेष बात यह होगी कि -भारती ,हिंडाल्को ,सोनी ,किंग फिसर ,जेट ,एयरवेज ,आदि कम्पनियों के शेयर्स आगे बढेंगें । जबकि -बैंकिंग और आई टी सेक्टर तथा सीमेंट कम्पनियों के शेयर्स में हानि देखने को मिल सकती है
नवम्बर -13 में -निवेश योग्य शेयर्स -रेमण्ड ,कैनन ,रीबाक ,टेस्को ,एस बी आई ,केनरा बैंक,कोडैक ,स्माल कैप ,सोनी । ---------निःशुल्क ज्योतिष जानकारी अपनी दोस्ती से एकबार प्राप्त करें रात्रि -7 से 9 में देश में हैं तो फ़ोन से विदेशों में हैं तो स्काइप पर --09897701636 +09358885616 =www.facebook.com/pamditjha
------मास की शुरुआत तेजी से होगी पर बुध वक्री होने से हल्का सा मंदी का योग भी बनेगा किन्तु यह क्षणिक समय के लिए ही रहेगा । रिलायंस ,टिस्को ,एस बी आई ,सत्यम आदि के शेयर ऊचे जायेंगें । तारीख -5 /11 से 11 /11 के बीच बुध मार्गी होने के करण शेयर्स के भाव नीचे आयेंगें । अर्थात पहले का सौदा 12 /11 के पहले बेचकर तेजी का इन्तजार करें तो लाभ हो सकता है । इस माह शेयर बाजार में ऊँचे एवं नीचे दोनों भावों में विशेष देखने को मिलेगा । सूर्यदेव की संक्रांति वृश्चिक राशि में 16 /11 दिन शनिवार को पड़ेगी अतः ज्यादातर शेयरों में घटा -बढ़ी पुरे महीना देखने को मिलेगी । औधौगिक कपनियों के शेयर्स में अत्यधिक उछाल आएगा ,इस समय तेजी का लाभ लिया जा सकता है । इस माह सेंसेक्स में तेजी दिखेगी । महीने के अंत में रिलायंस ,एफ सी ,युनियन के शेयर्स खरीदने योग्य होंगें । मास के अंत में विशेष बात यह होगी कि -भारती ,हिंडाल्को ,सोनी ,किंग फिसर ,जेट ,एयरवेज ,आदि कम्पनियों के शेयर्स आगे बढेंगें । जबकि -बैंकिंग और आई टी सेक्टर तथा सीमेंट कम्पनियों के शेयर्स में हानि देखने को मिल सकती है
नवम्बर -13 में -निवेश योग्य शेयर्स -रेमण्ड ,कैनन ,रीबाक ,टेस्को ,एस बी आई ,केनरा बैंक,कोडैक ,स्माल कैप ,सोनी । ---------निःशुल्क ज्योतिष जानकारी अपनी दोस्ती से एकबार प्राप्त करें रात्रि -7 से 9 में देश में हैं तो फ़ोन से विदेशों में हैं तो स्काइप पर --09897701636 +09358885616 =www.facebook.com/pamditjha
रविवार, 3 नवंबर 2013
" देश -विदेशों क्या हो सकता है -4 /11 से 17 /11 /13 तक ?"
" देश -विदेशों क्या हो सकता है -4 /11 से 17 /11 /13 तक ?"
---{-दीवा बीती पंचमी, जो मूल नक्षत्र होय । खप्पर हाथों जग भ्रमे ,भीख न घाले कोय }-----भाव -अगर पंचमी तिथि में मूल नक्षत्र आ जाय तो देश -विदेशों के लिए उत्तम नही होता है और इस पक्ष में -यह योग बन रहा है ।--अन्तर्राष्ट्रीय तनाब के कारण एक देश दूसरे देशों को सहयोग से मना करेंगें । जब भी विरोधी ग्रहों के योग बनेंगें तब -तब विस्व के अनेक जगहों पर राजनैतिक ,सामाजिक झगड़ें -झमेले के कारण परिवर्तन होते हैं और अभी हो सकते हैं । -----इस उक्ति से और भी स्पष्ट हो रहा है ---"देवगुरु के सामने ,जब चलते शुक्राचार । धर्म विरोधी मर मिटें ,करते पापाचार"--अर्थात --यह योग करीब डेढ़ महीने तक रहेगा और सरकार को कड़े से कड़े कदम उठाने पड़ेंगें तभी देश सुरक्षित रहेगा । चुनावी सरगर्मी तेज चलेगी । ।
-------तेजी +मंदी ---इस पक्ष के आरम्भ के भाव अंत में बदलेंगें ,धनु राशि का शुक्र खेती में हानि करायेगा । तेजी का योग यहाँ होगा -रुई ,ऊनी वस्त्र,चीनी ,चाय ,काफी ,मेवा ,मिर्च मसाले ,दाल ,सूरजमुखी,बिनौला ,सरसों ,पशुचारा ,चूना ,कत्था ,सुपारी में तेजी होगी ।
-----आकाश लक्षण ----पक्ष की शुरुआत और अंत में अल्प वर्षा हो सकती है । उत्तर भारत में ठंढ की शुरुआत होगी ।इस पक्ष विस्व एवं भारत के दक्षिण भागों में प्राकृतिक घटनासे हानि विशेष हानि का योग भी है ।
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री मेरठ -भारत---- निःशुल्क ज्योतिष जानकारी अपनी मित्र बनकर एकबार प्राप्त करें -- -सहायता सूत्र =09897701636 +09358885616 www.facebook.com/pamditjha
---{-दीवा बीती पंचमी, जो मूल नक्षत्र होय । खप्पर हाथों जग भ्रमे ,भीख न घाले कोय }-----भाव -अगर पंचमी तिथि में मूल नक्षत्र आ जाय तो देश -विदेशों के लिए उत्तम नही होता है और इस पक्ष में -यह योग बन रहा है ।--अन्तर्राष्ट्रीय तनाब के कारण एक देश दूसरे देशों को सहयोग से मना करेंगें । जब भी विरोधी ग्रहों के योग बनेंगें तब -तब विस्व के अनेक जगहों पर राजनैतिक ,सामाजिक झगड़ें -झमेले के कारण परिवर्तन होते हैं और अभी हो सकते हैं । -----इस उक्ति से और भी स्पष्ट हो रहा है ---"देवगुरु के सामने ,जब चलते शुक्राचार । धर्म विरोधी मर मिटें ,करते पापाचार"--अर्थात --यह योग करीब डेढ़ महीने तक रहेगा और सरकार को कड़े से कड़े कदम उठाने पड़ेंगें तभी देश सुरक्षित रहेगा । चुनावी सरगर्मी तेज चलेगी । ।
-------तेजी +मंदी ---इस पक्ष के आरम्भ के भाव अंत में बदलेंगें ,धनु राशि का शुक्र खेती में हानि करायेगा । तेजी का योग यहाँ होगा -रुई ,ऊनी वस्त्र,चीनी ,चाय ,काफी ,मेवा ,मिर्च मसाले ,दाल ,सूरजमुखी,बिनौला ,सरसों ,पशुचारा ,चूना ,कत्था ,सुपारी में तेजी होगी ।
-----आकाश लक्षण ----पक्ष की शुरुआत और अंत में अल्प वर्षा हो सकती है । उत्तर भारत में ठंढ की शुरुआत होगी ।इस पक्ष विस्व एवं भारत के दक्षिण भागों में प्राकृतिक घटनासे हानि विशेष हानि का योग भी है ।
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शनिवार, 2 नवंबर 2013
"यंत्र -मन्त्र एवं तंत्र क्या हैं ?"{साधना -विशेष }
-----"मननात त्रायते यस्मात तस्मात् मन्त्रः प्रकीर्तितः ।
जपात सिद्धिर्जपात सिद्दिर्न संशयः । ।
---मन्त्र ऐसे दिव्यशब्दों का समूह है ,जिसे दृढ इच्छाशक्तिपूर्वक उच्चारण एवं मनन से ही हम अलौकिक काम कर सकते हैं । चुने हुए गुप्त शब्द ही मन्त्र हैं । इनमें शब्दों का ऐसा क्रम दिया जाता है ,कि उनके मौन या अमौन अवस्था में उच्चारण मात्र से शून्य महाकाश में एक विचित्र कम्पन उत्पन्न होती है ,जिसमें अभिसिप्त कार्यसिद्धि एवं रचनात्मक प्रबल -प्रछिन्न शक्ति होती है -----।
अस्तु ------मन्त्र शास्त्र के अनुसार वेदमन्त्रों को ब्रह्मा में शक्ति प्रदान की । तांत्रिक प्रयोगों को भगवान शिव ने शक्ति संपन्न किया । इसी प्रकार कलियुग में शिवावतार श्री शाबरनाथ जी ने शाबर मन्त्रों को अद्भुत शक्ति प्रदान की । शाबरमन्त्र अनमिल बेजोड़ शब्दों का एक समूह होता है ,जो कि अर्थहीन मालूम देते हैं ,परन्तु भगवान शंकर जी के प्रताप से ये मन्त्र अवन्ध्य प्रभाव रखते हैं ----
"अनमिल आखर अर्थ न जापू । प्रकट प्रभाव महेश प्रतापू {रामचरित मानस }
नोट -यंत्र -मन्त्र एवं तंत्रों के योग्य बनें ,किसी गुरु के सान्निध्य में सिद्धि करें ,साथ ही गुप्तता रखें, तब फिर इनके चमत्कार से अपनी और जग की रक्षा करें ।
------प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }"शुभ दीपावली "आपका ज्योतिष सेवा सदन मेरठ भारत । www.facebook.com/pamditjha
गुरुवार, 31 अक्तूबर 2013
"दीपावली विशेष =2013{श्री महालक्ष्मी पूजन }?"
"दीपावली विशेष =2013{श्री महालक्ष्मी पूजन }?"
-------श्रीगणेश लक्ष्मींद्र प्रभु ,ऋध्दि -सिद्धि दातार । आन विराजो काज मह कर दो मम उद्धार । ।
---3 /11 /2013 कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या दिन रविवार में श्री लक्ष्मी पूजन {दीपमाला }पर्व की मान्यता रहेगी । इस दिन शाम प्रदोष काल 18 -19 तक रहेगा जो व्यापारी बंधुओं के लिए उत्तम समय रहेगा । घर का विशेष पूजन स्वाति नक्षत्र रात्रि -11 -02 तक रहेगा -जो विशेष सुख शांति के साथ -साथ धन धान्य प्रदान करता है । विशेष सिद्धि के लिए --आयुष्मान योग मध्य रात्रि -3 -07 तक रहेगा- इस पूजन से आयु आरोग्य कि प्राप्ति होती है ।
--------रविवार में स्वाति नक्षत्र से लुम्बक योग बनेगा । स्वाति नक्षत्र चल और चर संज्ञक माना जाता है --जिसमें चलत- खरीदना +बेचना चित्रकला ,शिक्षा ज्ञान जल से उत्पन्न वस्तुओं से लाभ प्राप्त होता है । अमावस्या महालक्ष्मी जी की उत्पत्ति तिथि और सौख्य समृद्धि कारक। हर्षोल्लास वृद्धि में सहायक मानी जाती है । दीपावली के दिन + रात्रि में विशेष पूजन का विशेष फल भी प्राप्त होता है । इनकी कृपा से भंडार भरा रहता है । माँ लक्ष्मीजी इस दिन सभी के घरों में ,दुकानों में ,कारखाना ,उद्योग ,आफिस ,स्टोर ,इत्यादि जगहों का निरिक्षण करती हैं प्रत्येक के भावों के अनुसार आशीर्वाद देती हैं और निवास भी वहाँ करती हैं ।साथ ही भक्ति करने वालों का भी निरिक्षण करती हैं ---अर्ध रात्रे भ्रमत्येव लक्ष्मी रा श्रयितुं गृहान ---जहाँ अच्छा लगता है वहीँ ठहर जाती हैं --अतः सभी अपने -अपने घरों को अलंकृत करते हैं पूजन करते हैं ।
माँ लक्ष्मी जी की प्रतीक्षा इस दिन + रात्रि सभी को करनी चाहिए -तन ,मन और भावों को अर्पण करने चाहिए । "शुभ दीपावली "आपका ज्योतिष सेवा सदन मेरठ भारत ।
-------श्रीगणेश लक्ष्मींद्र प्रभु ,ऋध्दि -सिद्धि दातार । आन विराजो काज मह कर दो मम उद्धार । ।
---3 /11 /2013 कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या दिन रविवार में श्री लक्ष्मी पूजन {दीपमाला }पर्व की मान्यता रहेगी । इस दिन शाम प्रदोष काल 18 -19 तक रहेगा जो व्यापारी बंधुओं के लिए उत्तम समय रहेगा । घर का विशेष पूजन स्वाति नक्षत्र रात्रि -11 -02 तक रहेगा -जो विशेष सुख शांति के साथ -साथ धन धान्य प्रदान करता है । विशेष सिद्धि के लिए --आयुष्मान योग मध्य रात्रि -3 -07 तक रहेगा- इस पूजन से आयु आरोग्य कि प्राप्ति होती है ।
--------रविवार में स्वाति नक्षत्र से लुम्बक योग बनेगा । स्वाति नक्षत्र चल और चर संज्ञक माना जाता है --जिसमें चलत- खरीदना +बेचना चित्रकला ,शिक्षा ज्ञान जल से उत्पन्न वस्तुओं से लाभ प्राप्त होता है । अमावस्या महालक्ष्मी जी की उत्पत्ति तिथि और सौख्य समृद्धि कारक। हर्षोल्लास वृद्धि में सहायक मानी जाती है । दीपावली के दिन + रात्रि में विशेष पूजन का विशेष फल भी प्राप्त होता है । इनकी कृपा से भंडार भरा रहता है । माँ लक्ष्मीजी इस दिन सभी के घरों में ,दुकानों में ,कारखाना ,उद्योग ,आफिस ,स्टोर ,इत्यादि जगहों का निरिक्षण करती हैं प्रत्येक के भावों के अनुसार आशीर्वाद देती हैं और निवास भी वहाँ करती हैं ।साथ ही भक्ति करने वालों का भी निरिक्षण करती हैं ---अर्ध रात्रे भ्रमत्येव लक्ष्मी रा श्रयितुं गृहान ---जहाँ अच्छा लगता है वहीँ ठहर जाती हैं --अतः सभी अपने -अपने घरों को अलंकृत करते हैं पूजन करते हैं ।
माँ लक्ष्मी जी की प्रतीक्षा इस दिन + रात्रि सभी को करनी चाहिए -तन ,मन और भावों को अर्पण करने चाहिए । "शुभ दीपावली "आपका ज्योतिष सेवा सदन मेरठ भारत ।
बुधवार, 30 अक्तूबर 2013
प्राचीन कल में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति होता था?"
- -----विद्यार्थी किसी योग्य विद्वान के निर्देशन में विभिन्न प्रकार की शिक्षा ग्रहण करते थे |इसके अतिरिक्त उसे शस्त्र सञ्चालन एवं विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण भी दिया जाता था |किन्तु वर्तमान समय में यह सभी प्रशिक्षण गौण हो गए हैं |शिक्षा की महत्ता बढ़ने व् प्रतिस्पर्धात्मक युग में सजग रहते हुए बालक के बोलने व् समझने लगते ही माता -पिता शिक्षा के बारे में चिंतित हो जाते हैं |कुछ वर्षों बाद सबसे बड़ी समस्या यही होती है कि कौन सा विषय पढ़ायें ,जिससे उनके बच्चे का भविष्य सुखमय हो ?----{1}-सर्वप्रथम जातक के बचपन से ही उसकी कुंडली विषय की पढाई व् कैरियर चयन में सहायक होती है |---{2}जातक की कुंडली से तय करना चाहिए कि वह नौकरी करेगा या व्यवसाय |---{3}-जातक कि २० से ४० वर्ष की उम्र के बिच की ग्रहदशा का सूक्षम अध्ययन कर यह देखना चाहिए कि दशा किस प्रकार के कार्यक्षेत्र का संकेत दे रही है |----{4}-आगामी गोचर या दशा कार्य क्षेत्र में तरक्की का संकेत दे रही है या नहीं ? इसका भी परीक्षण कर लेना चाहिए |---कुंडली में शिक्षा का योग -----जन्म कुंडली का नवम भाव धर्म त्रिकोण स्थान है ,जिसके स्वामी देव गुरु वृहस्पति हैं | यह भाव शिक्षा में महत्वाकांक्षा व् उच्च शिक्षा तथा उच्च शिक्षा किस स्टार कि होगी इसको दर्शाती है | यदि इसका सम्बन्ध पंचम से हो जाये तो अच्छी शिक्षा मिलती है ||----शिक्षा का स्तर------जन्मकुंडली का पंचम भाव बुद्धि ,ज्ञान ,कल्पना ,अतीन्द्रिय ज्ञान,रचनात्मक कार्य ,याददास्त व् पूर्वजन्म के संचित कर्म को दर्शाता है | यह शिक्षा के संकाय का स्तर तय करता है ||-----शिक्षा किस प्रकार की होगी --------जन्मकुंडली का चतुर्थभाव मन का भाव है |यह इस बात का निर्धारण करता है कि आपकी मानसिक योग्यता किस प्रकार की शिक्षा में होगी |जब भी चतुर्थ भाव का स्वामी छठे ,आठवें या बारहवें भाव में गया हो या नीच राशि,अस्त राशि ,शत्रु राशि में बैठा हो व् करक ग्रह {चंद्रमा } पीड़ित हो तो शिक्षा में मन नहीं लगता है ||-----शिक्षा का उपयोग -----जन्मकुंडली का द्वितीय भाव -वाणी ,धन ,संचय ,व्यक्ति की मानसिक स्थिति को व्यक्त करता है तथा यह दर्शाता है कि शिक्षा आपने ग्रहण कि है वह आपके लिए उपयोगी है या नहीं |यदि इस भाव पर पाप ग्रह का प्रभाव हो तो जातक शिक्षा का उपयोग नहीं करता है |--- जातक को बचपन से किस विषय की पढाई करवानी चाहिए ,इस हेतु हम मूलतः निम्न चार पाठ्यक्रम{ विषय } को ले सकते हैं --गणित ,जिव विज्ञानं ,कला और वाणिज्य ----- {1}-गणित ---गणित के करक ग्रह बुध का सम्बन्ध यदि जातक के लग्न ,लग्नेश या लग्न नक्षत्र से होता है तो वह गणित में सफल होता है || {2}-शनि एवं मंगल किसी भी प्रकार से सम्बन्ध बनायें तो जातक -मशीनरी कार्य में दशा होता है ||---जीव विज्ञानं -सूर्य का जल राशिस्थ होना ,छठे एवं दशम भाव /भावेश के बीच सम्बन्ध ,सूर्य एवं मंगल का सम्बन्ध आदि चिकित्सा क्षेत्र में पढाई के करक होते हैं---कला ------पंचम /पंचमेश एवं करक गुरु ग्रह का पीड़ित होना कला के क्षेत्र में पढाई का करक होता है | इन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पढाई प[उरी करवाने में सक्षम होती है ||--वाणिज्य --लग्न /लग्नेश का सम्बन्ध बुध के साथ -साथ गुरु से भी हो तो जातक वाणिज्य की पढाई सफलता पूर्वक करता है ||-- आइये जानते हैं अच्छी शिक्षा के योग -------{1}-द्वितीयेश या वृहस्पति केंद्र या त्रिकोण में हों |-{2}-पंचम भाव में बुध की स्थिति अथवा दृष्टि या बृहस्पति और शुक्र की युति हो |-{3}-पंचमेश की पंचम भाव में वृहस्पति या शुक्र के साथ युति हो ?{4}-बृहस्पति ,शुक्र और बुध में से कोई भी केंद्र या त्रिकोण में हो ?--------नोट - शिक्षा की सलाह अपने -अपने पुरोहित जी आचार्यजी से लें और अपनी -अपनी संतानों को शिक्षा की सही राह दिखाएं ||---- भवदीय निवेदक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -उत्तर प्रदेश } निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार ही सभी मित्रों को संपर्क सूत्र द्वारा ही मिल पायेगी -रात्रि -7 से 9 में =09897701636 +09358885616
"हमसे दोस्ती अवश्य करें ?किन्तु जानकारी भी करें ?"
"हमसे दोस्ती अवश्य करें ?किन्तु जानकारी भी करें ?"प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री --सचिव -पंडित विस्वनाथ झा शास्त्री ज्योतिष सेवा सदन का संपर्क सूत्र ----09897701636 +09358885616 ---दोस्त हैं -
ज्योतिष सेवा सदन से दोस्ती कोई भी कर सकते हैं ,किन्तु आपका आचरण ,व्यवहार और संस्कार हमारे योग्य भी होने चाहिए साथ -साथ "ज्योतिष सेवा सदन" की समस्त जानकारी प्रोफाइल में उपलब्ध है --पहले ठीक से पढ़ें और समझें -----फिर अपने अनुकूल ज्योतिष सेवा प्राप्त करें !
{१}-निःशुल्क ज्योतिष जानकारी केवल मित्र अपनी ही एकबार प्राप्त कर सकते हैं--वो भी केवल फ़ोन के द्वरा ही चाहे देश में रहते हों या विदेशों में -अगर विदेशों में रहते हैं तो आप स्काइप पर भी एकबार प्राप्त कर सकते हैं 1 लेकिन ज्योतिष जानकारी प्राप्त करते समय फेसबुक पर मित्रता है इसे चैट पर केवल राम -राम लिखकर साबित करना होगा 1 निःशुल्क ज्योतिष जानकारी का समय केवल रात्रि -7 से 9 तक है 1
-----{२}-आप दोस्त हैं ज्योतिष सेवा सदन के तो चैट पर राम -राम के सिवा कुछ न लिखें ,अगर कोई बात आपकी समझ में नहीं आई है तो फ़ोन से कभी भी जानकारी प्राप्त करें यह निःशुल्क है ---अगर निःशुल्क सेवा एकबार मिल चुकी है तो केवल 100 देकर फिर प्राप्त कर सकते हैं इसका समय सुवह -8 से रात्रि 9 . 30 है 1 अगर आप दोस्त नहीं बन सकते हैं ज्योतिष सेवा सदन के तो कोई भी -100 रूपये देकर एकबार जानकारी प्राप्त कर सकते हैं 1
-----{३}-अगर आप आजीवन सदस्य हैं ज्योतिष सेवा सदन के तो आप बारबार ज्योतिष की जानकारी स्काइप पर या फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं ----आशा है जुड़े हुए मित्र एवं जुड़ने वाले सभी मित्र इस नियम पर अवश्य ध्यान देंगें 1
-प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
तो प्रोफाइल में अपनी फोटो जरुर लगायें अन्यथा दोस्त न बनें -- फ्री ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें ==http://astrohelpworld.blogspot.in/ ==
हमारा पत्ता -ज्योतिष सेवा सदन -प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री
किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ उत्तर प्रदेश पिन -250002 भारत-संपर्क सूत्र कार्यालय -09897701636 +09358885616
"ज्योतिष सेवा"- चाहते हैं, तो- पहले इसे पढ़ें ?"
----फ्री
ज्योतिष जानकारी दोस्त बनकर एकबार {केवल अपनी} रात्रि -7 से 9. में फेसबुक
पर जुड़कर प्राप्त कर सकते हैं । दोस्त -1990 सन तक जन्मे हुए कोई भी दोस्त
बन सकते हैं ।
-----------दोस्ती करने में दिक्कत हो या दुबारा या फिर बारबार "ज्योतिष "जानकारी करनी हो तो केवल सौ रूपये देकर तत्काल किसी के बारे में सुवह -8-00 से रात्रि 9.30 बजे तक प्राप्त फ़ोन से कर सकते हैं ।
-------अगर अपनी आजीवन ज्योतिष जानकारी चाहते हैं -तो {1100} केवल एग्यारह सौ में प्राप्त करते रह सकते हैं । मित्र हैं तो प्रोफाइल में अपना फोटो जरुर लगायें अन्यथा दोस्त न बनें -- फ्री ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें ==http://astrohelpworld.blogspot.in/ ==
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प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री --सचिव -पंडित विस्वनाथ झा शास्त्री ज्योतिष सेवा सदन का संपर्क सूत्र ----09897701636 +09358885616 ---दोस्त हैं - किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ उत्तर प्रदेश पिन -250002 भारत-संपर्क सूत्र कार्यालय -09897701636 +09358885616
-----------दोस्ती करने में दिक्कत हो या दुबारा या फिर बारबार "ज्योतिष "जानकारी करनी हो तो केवल सौ रूपये देकर तत्काल किसी के बारे में सुवह -8-00 से रात्रि 9.30 बजे तक प्राप्त फ़ोन से कर सकते हैं ।
-------अगर अपनी आजीवन ज्योतिष जानकारी चाहते हैं -तो {1100} केवल एग्यारह सौ में प्राप्त करते रह सकते हैं । मित्र हैं तो प्रोफाइल में अपना फोटो जरुर लगायें अन्यथा दोस्त न बनें -- फ्री ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें ==http://astrohelpworld.blogspot.in/ ==
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-ज्योतिष सेवा सदन से जुड़े हुए एवं जुड़ने वाले दोस्तों से निवेदक है?"
http://www.youtube.com/v/PycfKfDseoE?autohide=1&version=3&attribution_tag=v97Miln036G0OjqIMDHdFg&autoplay=1&autohide=1&showinfo=1&feature=share
मंगलवार, 29 अक्तूबर 2013
"जुड़ने से पहले-एक नजर निवेदन पर डालें ?"
--सभी "ज्योतिष सेवा सदन " से जुड़ने वाले एवं जुड़े हुए मित्र बंधुओं से निवेदक है ,कि आप सभी इन नियमों का सदा पालन करें ?
--{1}-ज्योतिष सेवा सदन देश -विदेशों में रह रहे सभी मित्रों को अपने साथ निरंतर ज्योतिष एवं कर्मकांड की सलाह और ज्ञान का आदान- प्रदान निःशुल्क आजीवन देता रहेगा देता है ,लेखों के माध्यम से ||
{2}-ज्योतिष सेवा सदन के सदस्य वही बन सकते हैं-जो आदर करना और आदर देना जानते हैं ,जो संस्कृति और संस्कारों से अपने आपको बांधे रखना चाहते
हैं |
{3}-ज्योतिष सेवा सदन- के कोई भी कहीं के भी सदस्य बन सकते हैं ,किन्तु आस्थावान ही बने | ज्योतिष सेवा केवल निःशुल्क एकबार मित्रों को ही मिल पायेगी चाहे आप नेट पर जहाँ भी जुड़ें हों --ऑरकुट ,फेसबुक ,ट्विट्टर ,इबीबो ,हि५ ,जीमेल ,होटमेल,याहू ,नेट्लोग--ब्लॉग पोस्ट -आदि -आदि कहीं भी -ज्योतिष सेवा सदन के नाम से ही उपलब्ध है ||
{4}-ज्योतिष सेवा सदन -की सेवा अगर आपको अच्छी लगती है ,साथ ही अपने परिवार की जानकारी भी चाहते हैं ,निरंतर जुड़ें रहना चाहते हैं ,सलाह और सुगम पथ की जानकारी चाहते हैं तो आपको -ज्योतिष सेवा सदन का सदस्य बनना पड़ेगा --जिसका आजीवन शुल्क 1100 रूपरे अदा करने पड़ते हैं ,तभी आप आजीवन जानकारी मौखिक प्राप्त कर पायेंगें ---लेखों के द्वरा हम निरंतर सभी सदस्यों तक पहुँचने की कोशिश करते रहते हैं ||
{5}-ज्योतिष की जानकारी ,या विशेष सलाह आप केवल हेल्प लाइन के माध्यम से ही लें --क्यों क़ि हम लिखने में असमर्थ रहते हैं ||
{६}-मित्रों की अत्यधिक संख्या होने के कारण-ज्योतिष सेवा का समय हमने -रात्रि 7से 9 कर दिया है आगे और समय बढ़ा देंगें-ताकि किसी भी मित्रों को दिक्कत न हो ?
भवदीय निवेदक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
आपकी सहायतार्थ नंबर -09358885616 ,09897701636 ---दोस्त हैं -
तो प्रोफाइल में अपना फोटो जरुर लगायें अन्यथा दोस्त न बनें -- फ्री ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें ==http://astrohelpworld.blogspot.in/ ==हमारा पत्ता -ज्योतिष सेवा सदन -प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री
किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ उत्तर प्रदेश पिन -250002 भारत-संपर्क सूत्र कार्यालय -09897701636 +09358885616
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सोमवार, 28 अक्तूबर 2013
"ज्योतिष सेवा सदन" से शिकायत है तो अभी बतायें?"
{1}--अगर ज्योतिष सेवा
सदन से कोईशिकायत है -भारत में रहते हैं --फ़ोन से हमें बतायें हम शिकायत को
दूर करने की कोशिश करंगें -हेल्प लाइन -09897701636+09358885616-समय
-प्रातः 8 से रात्रि -9.30 तक | -----{2}-अगर विश्व के किसी भी भूभागों पर
रहते हैं -ज्योतिष सेवा सदन से शिकायत है -तो हमें -स्काइप पर बतायें या
फ़ोन से बतायें--स्काइप -आईडी ----ज्योतिष .सेवा.सदन ----है -हेल्पलाइन
-09897701636+09358885616--| -----{3}-आप आजीवन सदस्य हैं ज्योतिष सेवा
सदन के --कोई शिकायत है -तो आप स्काइप पर या हेल्पलाइन से शिकायत करें
प्रातः 8 से 9.30 तक | -----{4}1990 तक जन्मे हुए मित्रों को ज्योतिष की
एकबार फ्री जानकारी चाहिए -रात्रि 7 से9. में भारत में रहते हैं तो फ़ोन से
ही प्राप्त करें ----हेल्पलाइन -09897701636+09358885616--है |
----{4}-1990 तक जन्मे हुए विश्व के किसी भी भूभागों पर रहते हैं भारत को
छोड़कर तो आप फ्री ज्योतिष जानकारी एकबार स्काइप पर प्राप्त कर सकते हैं
-किन्तु पहले दोस्ती फेसबुक पर करनी होगी तभी एकबार फ्री जानकारी स्काइप पर
प्राप्त कर सकते हैं |-स्काइप आईडी -ज्योतिष.सेवा.सदन है | ----{5}---अगर
आपका जन्म -1990 के बाद में हुआ है ,दोस्ती करने में असमर्थ है ,ऑनलाइन
रहने में असमर्थ हैं किन्तु ज्योतिष की जानकारी चाहते हैं -तो केवल 100
देकर प्राप्त कभी भी कर सकते हैं चाहे देश में रहते हों या विदेशों में |
आशा है इन नियमों का पालन करेंगें सभी ज्योतिष प्रेमी मित्र बंधू ---अगर
आपसे ज्योतिष सेवा सदन अनुचित व्यवहार किया हो ,आप इन नियमों का पालन करते
हैं फिर भी ज्योतिष सेवा सदन आपको धन के विन सेवा नहीं दी हो या जबरदस्ती
धन के लिए उकसाया हो तो अभी शिकायत करें | --प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन
{मेरठ -भारत } प्रबन्धक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री -हेल्पलाइन
-09897701636+09358885616---|-- फ्री ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें ==http://astrohelpworld.blogspot.in/
शनिवार, 12 अक्तूबर 2013
"ज्ञान प्रदाता ,अविष्कार कर्ता होती है -मीन -राशि {-2013+14=विशेष ]"
"ज्ञान प्रदाता ,अविष्कार कर्ता होती है -मीन -राशि {-2013+14=विशेष ]"----वर्ष -2013+14 में --बनते -बिगड़ते परिवेश में नये रास्ते मिलेंगें
।दोस्त आपका मन चाहा मदद करेंगें ।आलस्य और प्रमाद से बचें ।अभिभावक तथा
अधिकारीयों की हाँ में हाँ मिलाने में हित होगा ।सामजिक और राजनितिक
क्षेत्र में दबदबा बना रहेगा ।धन प्राप्ति का नया मार्ग मिलेगा ।दोस्त
,सगे सम्बन्धियों से प्रेम बढेगा ।देश -विदेश की सुखद यात्रा होगी ।चल
-अचल संपत्ति का विशेष योग है ।मंगलोत्सव से सालभर प्रसन्नता रहेगी
।रचनात्मक कार्यों में रुझान बढेगा ।दिया हुआ सामान या धन देर से जरुर
मिलेगा ।समय के साथ कार्य उचित रहेगा करना ।अनजान लोगों से दोस्ती न करें
अहित होगा ।पशु ,वाहन ,वाहन ,भवन इत्यादि का विस्तार होगा ।पुराना विवाद
को समयानुसार सुलझा लें ।अनावश्यक परिचर्चा से बचें ।भौतिक सुखोपभोग की
वस्तु खरीदेंगें ।अतीत के सन्दर्भ में अनुसंधान से लाभ होगा ।स्वास्थ के
साथ समझौता न करें अहित होगा ।खरीद -फ़रोख्त के कारोबार में लाभ होगा ।घर
में मेहमान के आगमन से नई ख़ुशी मिलेगी ।संतान सुख की प्राप्ति होगी
।राजकीय सहयोग अपर्याप्त रहेगा ।लम्बी लाभकारी योजना में धन का व्यय होगा
।साझीदार कुछ गड़बड़ी करेंगें ।घर -परिवार में लगे रहेंगें सालभर ---नव वर्ष
मंगलमय हो ?"
नोट ------धन ,स्वास्थ ,सम्पत्ति ,माता ,सही रहे सके लिए -----{1}पुखराज या सुनहला स्वर्ण में धारण करें --धनाभाव हो तो -----स्वर्ण ,रजत और ताम्र का छल्ला पुष्य नक्षत्र में अनामिका या तर्जनी अंगुली में धारण करें ।गुरूवार को सात्विक भोजन करें ।गुरूवार को ईष्ट पुष्प का इष्ट पर अर्पण से भी लाभ हो सकता है ।
---------भवदीय ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "}किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ उत्तर प्रदेश ।ज्योतिष अनुभव हेतु ---09897701636+09358885616---!!=फ्री ज्योतिष सेवा रात्रि 7 से 9 में प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें =http://astrohelpworld.blogspot. मेरठ {उत्तर प्रदेश}=संपर्क सूत्र कार्यालय -09897701636 +09358885616
नोट ------धन ,स्वास्थ ,सम्पत्ति ,माता ,सही रहे सके लिए -----{1}पुखराज या सुनहला स्वर्ण में धारण करें --धनाभाव हो तो -----स्वर्ण ,रजत और ताम्र का छल्ला पुष्य नक्षत्र में अनामिका या तर्जनी अंगुली में धारण करें ।गुरूवार को सात्विक भोजन करें ।गुरूवार को ईष्ट पुष्प का इष्ट पर अर्पण से भी लाभ हो सकता है ।
---------भवदीय ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "}किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ उत्तर प्रदेश ।ज्योतिष अनुभव हेतु ---09897701636+09358885616---!!=फ्री ज्योतिष सेवा रात्रि 7 से 9 में प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें =http://astrohelpworld.blogspot. मेरठ {उत्तर प्रदेश}=संपर्क सूत्र कार्यालय -09897701636 +09358885616
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