रविवार, 3 नवंबर 2013

" देश -विदेशों क्या हो सकता है -4 /11 से 17 /11 /13 तक ?"

" देश -विदेशों क्या हो सकता है -4 /11 से 17 /11 /13 तक ?"

---{-दीवा बीती पंचमी, जो मूल नक्षत्र होय । खप्पर हाथों जग भ्रमे ,भीख न घाले कोय }-----भाव -अगर पंचमी तिथि में मूल नक्षत्र आ जाय तो देश -विदेशों के लिए उत्तम नही होता है और इस पक्ष में -यह योग बन रहा है ।--अन्तर्राष्ट्रीय तनाब के कारण एक देश दूसरे देशों को सहयोग से मना करेंगें । जब भी विरोधी ग्रहों के योग बनेंगें तब -तब विस्व के अनेक जगहों पर राजनैतिक ,सामाजिक झगड़ें -झमेले के कारण परिवर्तन होते हैं और अभी हो सकते हैं । -----इस उक्ति से और भी स्पष्ट हो रहा है ---"देवगुरु के सामने ,जब चलते शुक्राचार । धर्म विरोधी मर मिटें ,करते पापाचार"--अर्थात --यह योग करीब डेढ़ महीने तक रहेगा और सरकार को कड़े से कड़े कदम उठाने पड़ेंगें तभी देश सुरक्षित रहेगा । चुनावी सरगर्मी तेज चलेगी । ।
-------तेजी +मंदी ---इस पक्ष के आरम्भ के भाव अंत में बदलेंगें ,धनु राशि का शुक्र खेती में हानि करायेगा । तेजी का योग यहाँ होगा -रुई ,ऊनी वस्त्र,चीनी ,चाय ,काफी ,मेवा ,मिर्च मसाले ,दाल ,सूरजमुखी,बिनौला ,सरसों ,पशुचारा ,चूना ,कत्था ,सुपारी में तेजी होगी ।
-----आकाश लक्षण ----पक्ष की  शुरुआत और अंत में अल्प वर्षा हो सकती है । उत्तर भारत में ठंढ की  शुरुआत होगी ।इस पक्ष विस्व एवं भारत के दक्षिण भागों में प्राकृतिक घटनासे हानि विशेष हानि का योग भी है ।
       भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री मेरठ -भारत---- निःशुल्क ज्योतिष जानकारी अपनी मित्र बनकर एकबार प्राप्त करें -- -सहायता सूत्र =09897701636 +09358885616 www.facebook.com/pamditjha

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