"तंत्र ,मन्त्रों से स्वास्थ लाभ भी संभव है ?
------"तंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अंतर्गत कुछ सिद्धि प्राप्त करने के लिए ---जैसे अपने शरीर को स्वस्थ रखने एवं जन्म -मरण से छुटकारा पाने हेतु प्राचीन विद्वानों ,ऋषि -मुनियों द्वारा मन्त्रों की रचना की गयी । हर मन्त्र की रचना इस प्रकार होती है जिससे हर शब्द स्वर -व्यंजनों के जोड़ से सही बैठता है । अतः उन मन्त्रों के शुद्ध उच्चारण से कंठ से निकले हर मन्त्र के शब्दों के स्वर से ऐसा कम्पन पैदा होता है -----जिससे मस्तिष्क को जाती हर नाडी प्रभावित होती है । अतः इन उत्पन्न तरंगों द्वारा अन्तः स्रावी ग्रंथियां जैसे ---पिय्युटरी,पीनियल ,थाइराइड और पेरा थाइराइड तक पहुंच इनको उत्तेजित करती है । इस उत्तेजना से हर ग्रंथि अपना कार्य कुशलता पूर्वक कर शरीर के हर अंग में अपना योगदान देती है । जिससे स्वास्थ बना रहता है तथा शरीर सुचारू रूप से अपनी प्रतिरोध-क्षमता बढ़ता रहता है ।
---इससे न केवल प्रतिरोध क्षमता बढती है ,बल्कि सामान्य बिमारियों से भी बचा जा सकता है । चार -वेद हैं । महामृत्युंजय मन्त्र ऋग्वेद से और गायत्री मन्त्र यजुर्वेद से हैं ।
आलेख ----पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }--www.facebook.com/pamditjha
आपका ---ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक झा शास्त्री मेरठ उत्तर पदेश {भारत }-----निःशुल्क ज्योतिष जानकारी केवल फेसबुक पर मित्रता से ही रात्रि 7 से 9 में एकबार फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं --साथ ही विदेशों में रहने वाले हिन्दी भाषी स्काइप पर एकबार निःशुल्क मित्रता से प्राप्त कर सकते हैं समय -शाम 7 से 9 के बीच किन्तु दोस्ती पहले फेसबुक पर करनी होगी --अधिक जानकारी हेतु इस लिंक पर पढ़ें - --www.facebook.com/pamditjha ----सहायता सूत्र -09897701636 +093588885616
शनिवार, 9 नवंबर 2013
"तंत्र ,मन्त्रों से स्वास्थ लाभ भी संभव है ?
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