"मोती रत्न से चद्रमा [चाँद ] को प्रसन्न करें ?"{ झा शास्त्री"}
मित्र प्रवर ,राम राम |
चंद्रमा का रत्न "मोती " है आंग्ल भाषा [अंग्रेजी में -पर्ल -कहते हैं |
ऐसा ज्योतिष में विदित है कि-प्रत्येक जीव मन के वशीभूत होते हैं
,जब मन स्थीर हो जाता है -तो शांति मिल जाती है एवं शांति के बिना -जीवन
नीरस सा प्रतीत होता है ||
अस्तु "मोती " यह एक
शुभ रत्न है |क्रोध कम करने ,बल्ड प्रेशर ,ह्रदय रोग ,चिंता ,तनाव
,पारिवारिक झगडे कम करने या शांति के लिए इसे धारण किया जाता है ||
"मोती "धारण करने से पूर्व "मोती "रत्न को आप स्वयं परख सकते हैं अपनी कसोटी पर ?
[1]-किसी मिटटी के वर्तन में गोमूत्र लेकर उसमें मोती को रत भर पड़ा रहने दें |सुबह तक नकली मोती टूट जायेगा ||
[3]-पानी से भरे कांच के गिलास में मोती डालने पर उसमें से किरणें निकलती दिखे तो वह असली "मोती "होगा ||
भाव -हम दिखावा के लिए रत्न न पहनें, सही परखें और सही समय से "मोती
"कर्क " राशि या वृष राशि में यदि चंदामा हो तो धारण करना चाहिए ||
--भवदीय निवेदक "झा शास्त्री"
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संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616,
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